Chhapra Desk – सारण जिले के मशरक अवर निबंधन कार्यालय में 55 कातिब के द्वारा लिखे गए डीड के आधार पर निबंधन ( दस्तावेज रजिस्ट्री ) होता है. वर्ष 2016 से मॉडल डीड की शुरू हुई प्रक्रिया आज भी ठंडे बस्ते में है. हालांकि वर्तमान में निबन्धन विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के होने के बाद इसे गति देने की कवायद विभागीय स्तर पर शुरू होने की चर्चा है, इसके लिए अपर मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेन्सिंग के बाद मॉडल डीड पर रजिस्ट्री शुरू करने को कहा है लेकिन निबंधन कार्यालय इसे लेकर विभागीय पत्र का इंतजार कर रहा है.
कार्यालय में शनिवार को उपस्थित निबंधन पदाधिकारी अरविंद कुमार पांडेय ने बताया कि विभागीय निर्देश प्राप्त होते ही मॉडल डीड को पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा. जानकारी के अनुसार मशरक अवर निबंधन कार्यालय राजस्व टारगेट शत प्रतिशत अभी कातिब के भरोसे दे रहा है. वर्तमान वितीय वर्ष में 12 करोड़ 20 लाख का सालाना टारगेट है जिसमे अभी प्रतिमाह लगभग एक करोड़ 8 लाख राजस्व आ रहा है. सलाना 6 हजार डीड में अभी प्रतिदिन 40 से 45 डीड निबंधन के लिए आ रहे है. डीड बनाने का काम 55 कातिब दो दर्जन स्टाम्प विक्रेताओं द्वारा बिक्री किए गए स्टाम्प पर तैयार करते है.
स्टाम्प विक्रेता संघ के अध्यक्ष धर्मनाथ सिंह उर्फ टाइप मास्टर ,विजय शंकर पांडेय, देवनाथ गुप्ता कातिब शशि लाल,राघो सिंह, मुनमुन प्रसाद सहित अन्य मॉडल डीड की खबर सुनकर परेशान है. इनलोगो का कहना है कि अगर मॉडल डीड शुरू होता है तो सैकड़ो परिवार की रोजी रोटी छीन जाएगी. परिवार का भरण पोषण मुश्किल होगा. इसमें लगे लोगो के रोजगार की वैकल्पिक व्यवस्था किए बगैर मॉडल डीड लागू करना से परेशान सभी आमरण अनशन करने को विवश होंगे.