Chhapra Desk – छपरा सदर अस्पताल में निजी एंबुलेंस चालकों एवं एंबुलेंस मालिकों ने गर्भवती महिला की नाजुक स्थिति को देखते हुए मानवता की मिसाल पेश की है. क्योंकि गर्भवती पत्नी की ऐसी स्थिति देख पति बेसुध पड़ा हुआ था. मजबूरी और लाचारी उसके चेहरे से झलक रही थी. ऐसी स्थिति में सदर अस्पताल के बाहर खड़े एंबुलेंस चालकों एवं एंबुलेंस के मालिकों ने मानवता का परिचय देते हुए स्वयं भी उपचार के दौरान व्यवस्था बनाने में जुटे रहे. चिकित्सक के कहने पर उनके द्वारा तत्काल अपना ब्लड डोनेट कर तीन यूनिट ब्लड की व्यवस्था कर दी गई.
वही ब्लड और दवा लाने के लिए सभी तन-मन-धन से जुटे रहे. गर्भवती महिला की जान बचाने को लेकर ब्लड डोनेट करने के लिए सभी ब्लड बैंक में लाइन से खड़े हो गए. वहीं जो दवाएं अथवा सर्जिकल आइटम छपरा सदर अस्पताल में उपलब्ध नहीं थे, उसे अपने पैसे से खरीद कर उपलब्ध कराया. वहीं सरकारी एंबुलेंस के उपलब्ध होने में विलंब होने पर वे अपने-अपने एंबुलेंस से निशुल्क सेवा देने के लिए तैयार हो गए. तब तक सरकारी एंबुलेंस उपलब्ध हो गया. इस दौरान एंबुलेंस से रेफर किए जाने के दौरान उनके द्वारा रास्ते के लिए दो यूनिट ब्लड एवं आवश्यक दवाएं खरीद कर देने के साथ हजारों रुपए भी पीड़ित परिवार को उपलब्ध कराया गया.
बताते चलें कि छपरा कचहरी स्टेशन पर ट्रेन की चपेट में आने से एक गर्भवती महिला गंभीर रूप से घायल हो गई. जिसकी मौत पीएमसीएच रेफर किए जाने के दौरान रास्ते में हो गई. मृत महिला मढौरा थाना क्षेत्र के सेंदुआरी गांव निवासी मुन्ना साह की 23 वर्षीय पत्नी सीमा देवी बताई गई है.