हलचल न्यूज़ इंपैक्ट : आरटीपीसीआर जांच के नाम पर अवैध वसूली के मामले में सीएस ने कमिटी गठित कर बैठाई जांच ; कार्रवाई तय

Chhapra Desk – छपरा सदर अस्पताल में कोविड जांच के नाम पर अवैध रूप से वसूली किए जाने की खबर को हलचल न्यूज़ 24 के द्वारा खबर और वीडियो दोनों ही माध्यम से प्रमुखता से प्रकाशित किया गया. जिस पर अस्पताल प्रशासन की तंद्रा टूटी और सिविल सर्जन डॉक्टर सागर दुलाल सिन्हा के द्वारा इस मामले में एक कमिटी का गठन कर जांच का आदेश दिया गया है. वहीं उन्होंने जांच रिपोर्ट पर त्वरित कार्रवाई की भी बात कही है. उनके द्वारा जांच टीम में अस्पताल उपाधीक्षक डॉ एस डी सिंह, आरटीपीसीआर जांच के नोडल पदाधिकारी डॉक्टर रत्नेश्वर प्रसाद सिंह एवं डॉ आनंद कुमार को शामिल किया गया है. जिसके बाद उनके द्वारा इस मामले की जांच कर शीघ्र ही रिपोर्ट सौंपने को कहा है. बताते चलें कि हलचल न्यूज़ के द्वारा बीते 15 दिसंबर को “छपरा सदर अस्पताल में कोविड जांच के नाम पर मची है लूट ; जांच के नाम पर 2000 से 2500 की हो रही अवैध वसूली” नामक शीर्षक से पीड़ित व्यक्ति की व्यथा को खबर एवं वीडियो के माध्यम से प्रमुखता से प्रकाशित किया था.

जिसके बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया. बताते चलें कि छपरा सदर अस्पताल में कोरोना के आरटीपीसीआर जांच के नाम पर 1400 सौ रुपये की वसूली के बाद भी जो रिपोर्ट सौंपा गया वह भी जांच के दायरे में हैं. क्योंकि छपरा सदर अस्पताल में कोरोना का जांच कराने पहुंचे व्यक्ति को मुंबई के किसी निजी लैब का रिपोर्ट थमा दिया गया है. इस मामले में पीड़ित व्यक्ति के द्वारा अस्पताल उपाधीक्षक से इस मामले में शिकायत भी की गई थी. जिसके बाद यह मामला अब तूल पकड़ने लगा और आखिर सिविल सर्जन के द्वारा जांच कमेटी का गठन कर कार्रवाई का निर्देश दिया गया है.

बताते चलें कि छपरा शहर के मौना धानुक टोली निवासी मोहम्मद अफजल बीते दिन अपने पिता मोहम्मद वाहिद का कोरोना जांच कराने के लिए छपरा सदर अस्पताल पहुंचे थे. जहां उनके द्वारा कोरोना जांच काउंटर पर मौजूद वंदना कुमारी एवं सुमन कुमार सहित तीन लोगों के द्वारा आरटीपीसीआर जांच का ओटीपी मंगाने के नाम पर ₹2500 की मांग की गई और सौदा ₹1400 में तय हुआ. जिसके बाद मोहम्मद अफजल अपने पिता का सैंपल दिलाने के बाद उन्हें ₹1400 देकर घर चला गया. जिसके बाद बुधवार को जब वह अपनी जांच रिपोर्ट लेने के लिए छपरा सदर अस्पताल पहुंचा तो जांच काउंटर पर वे तीनों लोग मौजूद नहीं थे. जिसके बाद उसके द्वारा हंगामा किया तो यह मामला प्रकाश में आया.

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