शराब बिक्री को रोकने में अक्षम थाना अध्यक्ष को निलंबित करने और शराब माफियाओं पर कार्रवाई को लेकर भाकपा एवं माले ने दिया धरना

Chhapra Desk-  सरकार के शराब बंदी के बाद भी गांव कस्बो में खुलेआम शराब का धंधा जोरो पर है. पुलिस प्रशासन व धंधेबाजों के मिली भगत से शराब की बिक्री हो रही है. जिसके विरुद्ध भाकपा माले के कार्यकर्ताओ ने आंदोलन पर उतरे. शुक्रवार को भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने झंडा बैनर के साथ आठ सूत्री मांगों को लेकर सरकार व पुलिस पदाधिकारी के विरुद्ध जिले के अमनौर प्रखण्ड मुख्यालय के समक्ष एक दिवसीय धारणा दिया. इस दौरान पुलिस पदाधिकारी व सरकार के बिरुद्ध जमकर नारेबाजी किया।पुलिस पदाधिकारी को बर्खास्त  करने की मांग कर रहे थे. जिसके नेतृत्व भाकपा माले के प्रखण्ड सचिव जीवनन्दन राय ने किया. उन्होंने बताया कि सरकार के गलत शराब बंदी नीति के कारण जहरीली शराब पीने से अमनौर के कई गरीब मजदुर लोगो की जान चली गई।पीड़ित के पत्नी शराब दिखाकर विलाप रही है यही शराब पीकर मरे है,फिर भी अधिकारी कोई सुधि नही ले रही है. अगर शराब से इनकी मौत नही हुई होती तो अमनौर के सीमांकन जनता बाजार पर शराब बनाने की मिनी फैक्टी का उद्भेदन कैसे हुआ. जिला कमिटी के अध्यक्ष बिजेंद्र मिश्रा ने शराब से मरने वालों के परिजनों को बीस बीस लाख रुपया मुआवजा राशि देने की सरकार से मांग किया.

इनके आठ सूत्री मांगों में मुख्य मांग शराब बिक्री को रोकने में अक्षम थाना अध्यक्ष को निलंबित किया जाय।शराब से मृतक परिवारों को 20 लाख रुपया दिया जाय,मनरेगा को कृषि कार्य से जोड़ा जाय, गांव में जल जमाव की समस्याओं को जल निकासी का प्रबंध किया जाय. एक प्रतिनिधि मंडल ने बीडीओ को आठ सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा. इस मौके पर ननद राउत, दिलीप राउत, कलिंदर बैठा, तेरस राम, संतोष मांझी, विनय मांझी, राम कुमार महतो रीता देवी समेत दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे.

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