ताजी और जिंदा मछली खाने के अगर आप भी शौकीन है तो चले आईए गुदरी बाजार ; रात भर नदी में मछली मारने के बाद दिन में सजता है मच्छरहट्टा

ताजी और जिंदा मछली खाने के अगर आप भी शौकीन है तो चले आईए गुदरी बाजार ; रात भर नदी में मछली मारने के बाद दिन में सजता है मच्छरहट्टा

 

CHHAPRA DESK – यूं तो मछली बंगाल का फेमस डिस है लेकिन मछली हमारे पूरे भारत में चाव से खाया जाता है. अगर आप भी मछली के शौकीन हैं और ताजी व जिंदा मछलियां खाना पसंद करते हैं तो चले आइए छपरा शहर के ऐतिहासिक गुदरी बाजार में. यहां रोहू, कतला, बड़ारी, फरहा, सिंही, बचवा, गोंईची, झींगा मछली, गोड़रा मछली सहित सभी किस्म की ताजी व जिंदा मछलियां आपको मिल जाएंगी और वह भी ₹200 से ₹400 प्रति किलो की दर से. क्योंकि छपरा शहर गंगा, यमुना, सोन व घागरा नदी से घिरा है.

इसके साथ ही छपरा शहर के अनेक गांव में मछली पालन का उद्योग चल रहा है. जिसके कारण ताजी व जिंदा मछलियां यहां बाजार में प्रतिदिन उपलब्ध रहती है. लेकिन, यह बाजार धार्मिक मान्यताओं को लेकर सिर्फ गुरुवार को नहीं लगता है. बता दें कि छपरा शहर में भगवान बाजार थाना अंतर्गत बिनटोली से लेकर दौलतगंज तक दर्जनों मछुआरों का परिवार मछली व्यवसाय से ही अपना जीवन बसर करता है.

यह लोग डेंगी (छोटी नाव) की मदद से मांझी से लेकर सोनपुर तक मछली मारने के लिए पूरी रात लगे रहते हैं और सुबह में गुदरी बाजार पहुंचकर ताजी मछलियां बेचते हैं. कुछ मछुआरों से हमने बातचीत की तो उनके द्वारा बताया गया कि यह व्यवसाय वे लोग 40 से 50 वर्षों से कर रहे हैं और उनके वंशज भी इसी व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. अब आइए हम सीधे मछुआरों और मछली विक्रेताओं से बात करते हैं.

Loading

270
E-paper ब्रेकिंग न्यूज़