CHHAPRA DESK – बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के निर्देश पर जिला विधिक जागरूकता समिति के अध्यक्ष सह जिला एवं सत्र न्यायाधीश बिरेंद्र कुमार पाण्डेय एवम सचिव सह ए डी जे जितेश कुमार के निर्देश पर श्रमिकों के बीच विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन गरखा प्रखंड के मनरेगा भवन में किया गया. जिसमे सारण प्रमंडल के सहायक श्रम आयुक्त प्रशांत राहुल, प्रमुख प्रतिनिधि हरेंद्र महतो, उप प्रमुख प्रतिनिधि कृष्णा सिंह, प्रखंड मनरेगा पदाधिकारी, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के पैनल अधिवक्ता दुर्गेश प्रकाश बिहारी, पारा विधिक स्वमसेवक उमेश राय, सारण जिला के सभी प्रखंड के एल ई ओ भी उपस्थित थे.
साथ ही गड़खा प्रखंड के जनप्रतिनिधि के अलावा सैकड़ों की संख्या में मनरेगा मजदूर व दैनिक मजदूर भी उपस्थित थे. सहायक श्रम आयुक्त ने बताया कि मजदूर दिवस की शुरुआत पहली बार 1886 में अमेरिका के शिकागो शहर में हुई थी. उस समय मजदूरों से 15 से 16 घंटे तक काम कराया जाता था. जिसके खिलाफ वहां मजदूरों ने आंदोलन किया जिसमें बहुत मजदूर घायल हुए कुछ शहीद भी हुए. उसके बाद 8 घंटे काम करने का कार्य प्रणाली की शुरुआत हुई.
भारत में भी सर्व प्रथम 1923 में मद्रास में मजदूर दिवस मनाया गया. उसके बाद से प्रत्येक वर्ष मजदूर दिवस या श्रमिक दिवस के रूप में हम 1 मई को मनाते हैं. सरकार के द्वारा मजदूरों के हित में चलाए जा रहे योजनाओं को भी विस्तार से बतलाया. पैनल अधिवक्ता दुर्गेश प्रकाश बिहारी और पारा विधिक स्वयं सेवक उमेश राय द्वारा भी मजदूर से संबंधित वाद विवाद के निपटारा के संबंध में विस्तार से बतलाया गया. प्रखंड के मनरेगा पदाधिकारी द्वारा जो मजदूर लगातार 100 दिन काम किए है उनको प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया गया. साथ ही जो मजदूर निबंधित नहीं थे उनका रजिस्ट्रेशन भी ऑनलाइन विधिक जागरूकता शिविर में कराया गया.