MUZAFFARPUR DESK- बिहार में शराबबंदी के बाद शराब माफियाओं का एक अजीबोगरीब फंडा सामने आया है, जहां शमशान में लाश जलाने की जगह भट्टी पर शराब बनाने का धंधा पूरी रात चलता था. स्थानीय लोगों एवं पुलिस को भी इसकी भनक नहीं थी कि “राम नाम सत्य है” की रट लगाकर शव यात्रा में शामिल लोग शराब कारोबारी हैं.
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां श्मशान में अर्थी लेकर पहुंचने वाले लोग शव जलाने की जगह भट्ठी पर शराब बनाते थे और यह रोज होता था. मुजफ्फरपुर पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया है. जहां रात को लोग अर्थी सजाकर पहुंचते और आग लगाते. लेकिन माजरा किसी को समझ नहीं आता था. रोज-रोज रात को चिता जलने की बात पर आसपास के लोगों को शक हो गया और उन्होंने पुलिस को सूचना दी कि कुछ लोग रोज ही श्मशान में अर्थी लेकर आ रहे हैं. जिसके बाद पुलिस ने बुधवार को छापा मारा तो पता चला कि शव नहीं, यहां शराब बनाने का धंधा चलता है. लेकिन श्मशान में पुलिस को देखते ही धंधेबाज भाग निकलने में सफल रहे हैं.
मामला मुजफ्फरपुर जिले के सदर थाने के माधोपुर सुस्ता श्मशान का है. पुलिस ने बताया कि श्मशान में छापेमारी की तो वह मौजूद कारोबारी भाग निकले. जब वहां पहुंचे तो देखा कि श्मशान में भट्ठी जलाकर शराब बनाया जा रहा है. इस मामले में मुजफ्फरपुर सदर थानाध्यक्ष सत्येंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि आधी रात के बाद सुबह तक श्मशान में भट्ठी जलाकर देसी शराब बनाई जाती थी. इससे आसपास के लोगों को लगता था कि कोई शव जल रहा है लेकिन वहां शराब बनाने का धंधा चलता था.
अर्थी पर गैस सिलेंडर व शराब बनाने के उपकरण लेकर पहुंचे थे शमशान
कारोबारी अर्थी पर कफन से ढंक कर गैस सिलेंडर, चूल्हा और अन्य सामान लेकर शमशान पहुंचते थे. रात्रि में देखने वाले ग्रामीण भी इस खेल को नहीं समझ पाते थे. वहीं पुलिस भी शराब कार्यों के इस गोरखधंधे से अनजान थी. लोग समझते थे कि श्मशान में शव जलाया जा रहा है. कई दिनों से यह खेल चल रहा था. अचानक एक दिन स्थानीय लोगों ने इस बात की सूचना पुलिस को दी और बुधवार की अल सुबह पुलिस ने वहां छापेमारी की तो मामला खुल गया. जिसके बाद पुलिस ने श्मशान से 2 गैस सिलेंडर, गैस चूल्हा, बर्तन, पाइप और भारी मात्रा में जावा महुआ भी बरामद किया है. वही 10 लीटर देसी शराब भी बरामद की गई है.