अवैध रूप से संचालित अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर जिला प्रशासन का धावा, मचा हड़कंप ; अनेक अल्ट्रासाउंड सेंटर बंद कर भागे संचालक

अवैध रूप से संचालित अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर जिला प्रशासन का धावा, मचा हड़कंप ; अनेक अल्ट्रासाउंड सेंटर बंद कर भागे संचालक

CHHAPRA DESK – सारण जिले में अवैध रूप से संचालित अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर जिला प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. इस बाबत जिलाधिकारी अमन समीर के द्वारा सिविल सर्जन डॉक्टर सागर दुलाल सिन्हा के नेतृत्व में अलग-अलग टीमों का गठन किया है. जिनके द्वारा जिले में अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटरों के खिलाफ छापेमारी प्रारंभ कर दी गई है. जिला प्रशासन के निर्देश पर गठित टीम के द्वारा अचानक अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर की गई छापेमारी के कारण अल्ट्रासाउंड संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है.

वहीं कई अल्ट्रासाउंड सेंटर बंद भी पाए गए हैं. क्योंकि छापेमारी की सूचना के बाद कई लोग सेंटर बंद कर फरार हो चुके हैं. बता दें कि सारण जिले के अलग-अलग प्रखंड में ऑन पेपर कुल 110 अल्ट्रासाउंड सेंटर का संचालन किया जा रहा है. जिसमें छपरा शहर में अकेले 47 अल्ट्रासाउंड सेंट्रल शामिल है. इसके अलावा भी जिले में दर्जनों अल्ट्रासाउंड सेंटर का संचालन बिना किसी उचित कागजात के चलाया जा रहा है.

सिविल सर्जन डॉक्टर सागर लाल सिन्हा के द्वारा गठित टीमों के द्वारा शहर समेत अलग-अलग प्रखंडों में छापेमारी प्रारंभ कर दी गई है. छापेमारी के दौरान कई ऐसे चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं.

अल्ट्रासाउंड संचालन का क्या है नियम

अल्ट्रासाउंड संचालन के लिए सरकार द्वारा कई आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं. जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है की अल्ट्रासाउंड सेंटर का पीसीपीएनडीटी एक्ट 1994 के प्रावधानों का अक्षर से पालन करना. बता दें कि सरकार द्वारा पीसीपीएनडीटी (PCPNDT) अधिनियम-1994 प्रसव पूर्व की पहचान पर रोक लगाने के उद्देश्य से लागू किया गया है. इस अधिनियम के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति अल्ट्रासाउंड केन्द्र का संचालन तब तक नहीं कर सकेगा जब तक वह इस अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत नहीं है.

इस अधिनियम की मूलभूत आवश्यकताओं के अंतर्गत संबंधित अल्ट्रासाउंड संस्थान के संचालक का निर्धारित योग्यता धारक होना, संस्थान का पीसीपीएनडीटी (PCPNDT) अधिनयम की 18 के अंतर्गत निबंधित होना, भ्रूण के लिंग की सूचना देने पर रोक, अधिनियम की धारा 29 के अंतर्गत प्रदान किए गए अभिलेख, लेखाचित्र प्रारूप, प्रतिवेदन, सहमति पत्रों और अन्य दस्तावेजों को सुरक्षित रखा जाना और लिंग निर्धारण पर निषेध बोर्ड लगा कर आम में जागरूकता उत्पन्न करना अनिवार्य है.

जबकि सारण जिलान्तर्गत अनेक अवैध अल्ट्रासाउंड संस्थान कार्यरत हैं. उनमें से कई न तो निबंधित हैं, न ही उनके संचालक निर्धारित योग्याताधारक हैं. जिनके द्वारा पीसीपीएनडीटी (PCPNDT) अधिनियम-1994 के प्रावधानों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है. जिसको लेकर सारण डीएम के आदेश पर यह कार्रवाई की जा रही है.

 

Loading

57
Crime E-paper ब्रेकिंग न्यूज़