उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए यूक्रेन गई थी छपरा की अंकिता ; अब युद्ध के बाद वापसी को लेकर बढी मुश्किले

Chhapra Desk – सारण जिले के इसुआपुर प्रखंड के शामपुर गांव निवासी अनिल तिवारी की पुत्री अंकिता अनिल तिवारी उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए युक्रेन गई थी. लेकिन, रसिया युक्रेन युद्ध के बाद अब उसकी सकुशल वापसी को लेकर परिवार वालों की मुश्किलें बढ़ी हुई है. वह यूक्रेन के सारक्यू मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही है. वह मेडिकल के चौथे वर्ष की छात्रा है. लेकिन अचानक यूक्रेन की स्थिति विस्फोटक हो जाने से उसके पिता तथा माता रेणु तिवारी काफी परेशान हो गए हैं. बेटी की सकुशल वापसी के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं.

वे उसके सकुशल वापसी को लेकर भारत सरकार से गुहार लगा रहे हैं. अंकिता मुंबई के केवी पेनढरकर कॉलेज से इंटर की पढ़ाई कर यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है. अचानक बदले माहौल से घर वापसी के लिए उसके परिजन बेहद चिंतित हैं. पिता श्री तिवारी ने बताया कि उनकी बेटी वहां हर समय खुश रहती है तथा अपने आसपास के बच्चों को भी खुश रखती है. पर आज वह घर वापसी के लिए परेशान है. उसके बातों में दर्द झलक रहा है. घर वापसी के लिये छात्रों के एक दल के साथ अंकिता खारकीउ से मेट्रो द्वारा कीव पहुंची है. जहां से मेट्रो द्वारा बिनितसा आयी और बिनितसा से 20 छात्रों ने बस रिजर्व कर रोमानिया बॉर्डर के लिए चले लेकिन रोमानिया बॉर्डर से 7 किलोमीटर पहले ही बस से बच्चों को उतार दिया गया.

जहां से सारी रात माइनस डिग्री सेल्सियस में चलने के बाद रोमानिया पहुंची हैं. जहां से भारत आने की उम्मीद जगी है. उसके चाचा रामायण तिवारी बहन रितिका तिवारी, विनय सिंह, बच्चा राय, हरेंद्र सिंह, संजय तिवारी, विजय तिवारी, डॉ प्रमोद सिंह, विकास तिवारी, अमित तिवारी, मिलिंद तिवारी, सुनील तिवारी सहित गांव वाले उसके वापसी के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं.

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