किसानों के हठ के आगे झुकी मोदी सरकार ; पीएम मोदी ने तीनों विवादित कृषि कानून वापस लेने का लिया फैसला

 Delhi Desk – आखिरकार 14 महीने के बाद विवादित तीनों कृषि बिल के मामले पर किसानों के हठ के आगे मोदी सरकार को झुकना पड़ गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों विवादित कृषि कानून वापस लेने का फैसला किया है. यह ऐलान उनके द्वारा देव दीपावली एवं प्रकाश वर्ष के अवसर पर अपने संबोधन के दौरान घोषणा की गई है. पीएम ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में यह बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि सरकार ये कानून काश्तकारों के हित में नेक नीयत से लाई थी, लेकिन हम कुछ किसानों को समझाने में नाकाम रहे. मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि हम पूरी विनम्रता से किसानों को समझाते रहे. बातचीत भी होती रही. कानून के जिन प्रावधानों पर उन्हें ऐतराज था उन्हें सरकार बदलने को तैयार हो गई. साथियों आज गुरु नानक देवजी का पवित्र पर्व है यह समय किसी को दोष देने का नही है. मैं आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानून वापस लेने का फैसला किया है. इसी महीने हम इसे वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया पूरी कर देंगे. बताते चलें कि 17 सितंबर 2020 को यह कानून संसद से पास हुआ 27 सितंबर को इसे लागू किया गया. जिसके बाद से किसान तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ बीते 14 महीने से आंदोलन कर रहे थे. अब सरकार के फैसले के बाद किसान संयुक्त मोर्चा के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि हम तुरंत आंदोलन वापस नहीं लेंगे, बल्कि इन्हें संसद में वापस लेने का इंतजार करेंगे.

 

ऐसे की पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन

‘मेरे प्यारे देशवासियों आज देव दीपावली का पावन पर्व है. आज गुरु नानक देव जी का भी पावन प्रकाश पर्व है. मैं विश्व में सभी लोगों और सभी देशवासियों को बधाई देता हूं. यह भी बेहद सुखद है कि डेढ़ साल बाद करतारपुर साहिब कॉरिडोर फिर से खुल गया है.’ उन्होंने कहा कि ‘गुरुनानक देव जी ने कहा है कि संसार में सेवा का मार्ग अपनाने से ही जीवन सफल होता है. हमारी सरकार इसी सेवा भावना के साथ देशवासियों का जीवन आसान बनाने में जुटी है. न जाने कितनी पीढ़ियां जिन सपनों को सच होते देखना चाहती थीं, भारत उन्हें साकार करने की कोशिश कर रहा है.’ 18 मिनट के अपने संबोधन मे प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मैंने किसानों की परेशानियों और चुनौतियों को बहुत करीब से देखा है. जब देश ने मुझे 2014 में प्रधानमंत्री के तौर पर देश की सेवा का मौका दिया, तो हमने किसान कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी. बहुत लोग अनजान हैं कि देश के 100 में से 80 किसान छोटे किसान हैं. उनके पास 2 हेक्टेयर से भी कम जमीन है. इनकी संख्या 10 करोड़ से भी ज्यादा है. उनकी जिंदगी का आधार यही छोटी सी जमीन का टुकड़ा है. किसान इसी जमीन से अपने परिवार का गुजारा करते हैं.’

Loading

E-paper