गया जलाशय योजना का नामकरण हमलोगों ने गंगा जी गया जलाशय योजना कर दिया : नीतीश कुमार

गया जलाशय योजना का नामकरण हमलोगों ने गंगा जी गया जलाशय योजना कर दिया : नीतीश कुमार

GAYA DESK – सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज गया जिले के तेतर में गंगाजल आपूर्ति योजना अंतर्गत तेतर जलाशय का निरीक्षण किया गया और इसके साथ ही बटन दबाकर तेतर जलाशय में गंगाजल लाये जाने का भी शुभारंभ किया. तेतर जलाशय में गंगाजल के शुभ आगमन पर मुख्यमंत्री ने जलाशय में पुष्प अर्पित कर नमन किया और ताली बजाकर प्रसन्नता जाहिर की. वहां उपस्थित लोगों ने भी जलाशय में गंगाजल के लाये जाने पर ताली बजाकर प्रसन्नता जाहिर की है.

तेतर जलाशय के स्थलीय निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को गंगाजल आपूर्ति योजना के तहत यहां किए गए विभिन्न कार्यों के संबंध में जानकारी दी. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों एवं अभियंताओं को तेतर जलाशय में गंगाजल के लाये जाने के लिए उनके द्वारा किए गए प्रयासों एवं मिली सफलता के लिए बधाई दी. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि अब यहां गंगाजल पहुंच चुका है. इस योजना के तहत किए जा रहे कार्यों का मेंटेनेंस ठीक ढंग से करें जो भी जरूरत होगी राज्य सरकार उसे पूरा करेगी.

इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, जहानाबाद के सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी सहित अन्य जनप्रतिनिधगण, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, जल संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल, मगध प्रमंडल के आयुक्त मयंक बरबरे, मगध प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक विनय कुमार, गया के जिलाधिकारी त्यागराजन एसएम, गया की वरीय पुलिस अधीक्षक हरप्रीत कौर, अभियंता प्रमुख सिंचाई ईश्वर चंद्र ठाकुर सहित अन्य पदाधिकारीगण एवं अभियंतागण उपस्थित थे.


पत्रकारों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने तय किया था कि गंगाजल गया, बोधगया, नवादा और राजगीर में पहुंचायेंगे. गया और बोधगया के लिये गंगा नदी का पानी सालों भर के लिए यहीं पर स्टोर रहेगा. यहीं से पानी गया और बोधगया भेजा जाएगा. इसका निरीक्षण करने हम यहां आये थे. हम चाहते हैं कि तेजी से सभी काम पूरा हो जाए, ताकि इन जगहों पर लोगों को गंगाजल मिलने लगे. यह बहुत खुशी की बात है. बिहार में गयाजी और गंगाजी दोनों हैं. अब गया जी के लिए गंगाजी यहां आ गई हैं. यह कोई मामूली बात नहीं है. गंगा नदी का जल गयाजी के लिए पहुंच रहा है, यह बहुत बड़ी बात है. उन्होंने कहा कि हमलोग चार महीने गंगा नदी का पानी यहां लायेंगे, बाकी आठ महीने के लिए गंगाजल यहीं पर स्टोर हो जाएगा. गया, बोधगया, नवादा और राजगीर के लोगों को गंगा नदी का पानी उपलब्ध हो सके इसके लिए यह सब किया जा रहा है.

गया में पहले पानी की दिक्कत होती थी. वर्ष 2006 में हम यहां आये थे तभी पता चला था कि लोगों को पानी की परेशानी हो रही है. इसे देखते हुए हमलोगों ने गंगाजल पहुंचाने की योजना पर काम करने का फैसला किया है. वर्ष 2019 में जल- जीवन – हरियाली अभियान की शुरुआत की. एक बार पहले भी हमने सोचा था कि इन जगहों पर पानी पहुंचायेंगे लेकिन उस समय इस पर काम नहीं हो सका. हमने फिर से बैठक कर इस योजना को शुरू करने का फैसला लिया. इस योजना पर लगभग साढ़े चार हजार करोड़ रुपये खर्च हुआ है.

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