गया जिला सत्र न्यायाधीश एवं जिलाधिकारी ने संयुक्त रुप से राष्ट्रीय लोक अदालत का किया उद्धघाटन

Gaya Desk- गया जिले में राष्ट्रीय लोक अदालत कार्यक्रम का आयोजन व्यवहार न्यायालय परिसर में जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गया के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार की अध्यक्षता में किया गया. इस कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जिला पदाधिकारी, गया और वरीय पुलिस अधीक्षक द्वारा संयुक्त रूप से किया गया.आज इस लोक अदालत के अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार ने कहा कि अगर न्याय समय पर न मिले तो उसका कोई अर्थ नहीं रह जाता है. न्यायालयों पर अत्याधिक वर्कलोड को ध्यान में रखते हुए इस राष्ट्रीय लोक अदालत का गठन किया गया है, जिससे ताकि कम समय में न्याय दिया जा सके और लोक अदालत में हम समझौता के आधार पर द्विपक्षीय मामलों को सुलझाते हैं. इस लोक अदालत में किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लिया जाता है इस निशुल्क रूप से लोग अपने मामलों को सुलझाते हैं.

लोक अदालत में दिए गए निर्णय को अन्य उच्च अदालतों में चैलेंज/अपील नहीं किया जाता है और जबकि लोक अदालत से अलग अन्य न्यायालयों में दिए गए निर्णय के विरुद्ध उच्च न्यायालयो में अपील किया जा सकता है. जिससे मामले के निष्पादन में काफी समय से होता है और पक्षकार को पैसे व्यय करने पड़ते हैं.  आगे कहे कि लोक अदालत में दिए गए निर्णय में किसी पक्ष की हार नहीं होती है बल्कि दोनों पक्ष की जीत होती है जिससे दोनों पक्षों में आपस में सौहार्द एवं समन्वय बना रहता है. आज जिला सत्र न्यायाधीश ने शुभकामना व्यक्त किया कि है कि आज के राष्ट्रीय लोक अदालत में लोग अपने मामलों का निष्पादन आपसी भाईचारा के साथ करेंगे, ऐसी उन्हें उम्मीद है.

जिला पदाधिकारी सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गया के उपाध्यक्ष अभिषेक सिंह ने आज इस अवसर पर कहा कि संविधान में विधायिका, न्यायपालिका तथा कार्यपालिका के लिए कर्तव्य निर्धारित किए गए हैं. लोगों के हक, न्याय एवं अधिकारों के संरक्षण हेतु न्यायपालिका को अधिकार दिया गया है.  इससे न्याय पाने हेतु लोग न्यायालय की शरण में इस आशा पर यहा आते हैं कि वहां उन्हें न्याय मिलेगा।इससे कुछ न्यायिक प्रक्रिया जटिल होने के कारण न्याय मिलने में विलंब होता है इस लोक अदालत उद्देश्य यही रहता है कि निर्दोष को सजा न मिले परंतु दोषी को सजा अवश्य मिले.  आगे जिलाधिकारी ने कहा कि लोगों को त्वरित न्याय दिलाने एवं समझौता और मध्यस्थता के आधार पर लोगों को न्याय दिलाने हेतु राष्ट्रीय लोक अदालत का गठन किया गया है.

आज के राष्ट्रीय लोक अदालत में लगभग 5 हजार मामले रखे जाएंगे, जो बहुत ही बड़ा कार्य है. इसमें दोनों पक्षों को लाभ मिलेगा.  जिलाधिकारी ने कहा कि लोक अदालत में दोनों पक्ष संतुष्ट होते हैं.  कई बार लोग छोटे-छोटे मामले में उलझ कर अदालत में मुकदमा दायर करते हैं जिससे दोनों पक्षों का उ पैसा एवं समय का नुकसान होता है.  इसके साथ ही इससे न्यायालय पर वर्क लोड भी बढ़ता है.  छोटे छोटे मामलों को सुलझाने हेतु लोक अदालत एक कारगर प्रयास है. जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गया द्वारा रचनात्मक एवं सराहनीय कार्य किए जा रहे हैं जिससे मानवीय मूल्य एवं मानवता का संरक्षण होता है. जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया कि जिला प्रशासन द्वारा हर संभव सहयोग जिला विधिक सेवा प्राधिकार तथा राष्ट्रीय लोक अदालत कार्यक्रम को मिलेगा. आगे इस अवसर पर वरीय पुलिस अधीक्षक, गया आदित्य कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत एक सराहनीय प्रयास है जिससे लोगों को शीघ्र न्याय मिलने में आसानी होती है, साथ ही पैसा एवं समय दोनों की बचत होती है. आपसी सौहार्द भी बना रहता है.


साभार : धीरज गुप्ता

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