CHHAPRA DESK – ज्येष्ठ पूर्णिमा की धवल चांदनी रात में शुक्रवार को गंगा, सरयू और सोन नद के संगम पर स्थित चिरांद के गंगा घाट पर हरिद्वार व काशी जैसे तीर्थों का मनोरम दृश्य सजीव हो गया. सूर्यास्त के बाद वेदध्वनि के बीच गुरु पूजन व गंगा पूजन के साथ चिरांद विकास परिषद का 16वां समारोह संपन्न हुआ. गंगा गरिमा रक्षा संकल्प समारोह का शुभारंभ होने के साथ ही चिरांद का गंगा तट हजारों दीपों से जगमगा उठा. काशी से पधारे ग्यारह आचार्यों ने वैदिक विधान व स्त्रोतों के साथ शास्त्रीय गंगा महाआरती शुरू किया. इस अवसर पर बालासोर रेल दुर्घटना में दिवंगत लोगों की आत्मा की शांति के लिए समारोह में उपस्थित हजारों लोगों के साथ धर्माचार्यों ने मौन प्रार्थना की.
समारोह का उद्घाटन करते हुए लक्ष्मण किलाधीश, अयोध्या के महंत मैथिली रमण शरण महाराज ने कहा कि गंगा, सरयू और सोन नद के प्रत्यक्ष महासंगम पर अवस्थित चिरांद विश्व का अद्वितीय तीर्थ स्थल है. रामायण एवं राम चरित मानस में इस महानतीर्थ को दैहिक, दैविक और भौतिक तापों से मुक्ति दिलाने वाला बताया गया है. इस कलिकाल में भी यह स्थान विश्व को समस्याओं से मुक्ति दिलाने के अभियान का केंद्र बनने का सामथ्र्य है. समारोह की अध्यक्षता करते हुए गंगा समग्र के अखिल भारतीय अध्यक्ष अमरेन्द्र कुमार सिंह उपाख्य लल्लू ने कहा कि भारत को संकट से मुक्ति दिलाने के लिए गंगा व इसकी सहायक नदियों को स्वस्थ रखना होगा.
उन्होंने कहा कि गंगा की रक्षा करना किसी व्यक्ति या संगठन के वश की बात नहीं लेकिन, गंगा के प्रति अपने व्यवहार को मर्यादित कर हम गंगा माता को संकटों से मुक्त करा सकते हैं. चिरांद विकास परिषद के सचिव श्रीराम तिवारी ने संगठन का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए आगे की योजना व संकल्प पर प्रकाश डाला. चिरांद विकास परिषद के तत्वावधान में आयोजित इस समारोह में परिषद के संरक्षण महंत कृष्णा गिरी उपाख्य नागा बाबा, बीरेंद्र विमल मंत्री बिहार-झारखंड विश्व हिंदू परिषद, गंगा समग्र के राष्ट्रीय सम्पर्क प्रमुख व एमएलसी सर्वेश कुमार, गंगा समग्र के राष्ट्रीय मंत्री रामाशंकर सिन्हा, अध्यक्ष कृष्ण कांत ओझा, अरूण पुरोहित धर्म प्रचारक सारण, देवेशनाथ दीक्षित, शम्भूनाथ पाण्डेय, पूर्व जिलापरिषद अध्यक्ष राजेन्द्र राय, नेहा पाण्डेय आदि ने समबोधित किया. समारोह का संचालन देवेश नाथ दीक्षित ने किया. छपरा के प्रसिद्ध संगीतज्ञ धनंजय मिश्र के निर्देशन में स्थानीय कलाकारों ने कत्थक नृत्य के माध्यम से गंगा अवतरण, गंगा गरिमा रक्षा, गंगा आश्रित जैसे विषयों पर भावोत्तेजक प्रस्तुति दी.
बाल कलाकर रौनक ने गंगा गीत प्रस्तुत कर गंगा के साथ भारतीयों के भावनात्मक लगाव व सांस्कृतिक परम्परा को जीवंत बना दिया.
समारोह में चिरांद रत्न सम्मान भी आकर्षण का केंद्र रहा. चिरांद विकास परिषद ने अपने सोलहवें वार्षिकोत्सव के अवसर पर समाज में असाधारण कार्य करने वाले पांच लोगों को चिरांद रत्न से सम्मानित किया. चिरांद विकास परिषद ने इस बाल कलाकार को चिरांद रत्न से सम्मानित किया.
चिरांद गांव के निवासी राजकिशोर सिंह ने चिरांद में विद्या की ज्योति जलाने के लिए अपने पैतृकि भूमि पर प्राथमिक से लेकर उच्च स्तरीय विद्यालयों की स्थापना की थी. इतना ही नहीं उन्होंने अपनी पैतृक भूमि के एक टुकड़े को दान कर चिरांद में अस्पताल का निर्माण कराया था. चिरांद विकास परिषद ने इस दानवीर को चिरांद रत्न से सम्मानित किया. वहीं शिक्षक अखिलेश्वर कुमार पाण्डेय ने स्कूल में ड्यूटी के बाद आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के छात्रों का मार्गदर्शन कर विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करायी.
उनके प्रयास से चिरांद के आसपास के गांवों के तीन सौ से अधिक छात्र-छात्राएं अब तक सरकार के विभिन्न विभागों व संस्थाओं में नौकरी पा सके हैं. राम कृष्ण आश्रम के साथ मिलकर गरीबों का उपचार करने वाले प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ राजीव रंजन एवं आयुर्वेदाचार्य डॉ राजेश रंजन को भी चिरांद रत्न से सम्मानित किया गया. इस बार के गंगा आरती में शंख व विशाल डमरू के वादन से काशी हरिद्वारा जैसे आध्यात्मिक माहौल बन गया. वहीं सत्यम कला मंच के निदेशक संदीप सौरभ के संयोजन में बिहार व यूपी के प्रसिद्ध गायक व वादकों ने भाव-भक्ति जागरण कार्यक्रम प्रस्तुत किया.