छपरा जेल में बंद नंदलाल राय के हत्यारे ने मेडिविजन अस्पताल के दो संचालकों को पटना से कराया था अगवा ; फिरौती के बाद हत्या की थी साजिश

छपरा जेल में बंद नंदलाल राय के हत्यारे ने मेडिविजन अस्पताल के दो संचालकों को पटना से कराया था अगवा ; फिरौती के बाद हत्या की थी साजिश

CHHAPRA DESK – पटना के कंकड़बाग स्थित मेडिविजन अस्पताल के दो संचालकों सुभाष एवं रवि रंजन के हत्या की पूरी प्लानिंग छपरा सदर अस्पताल में एंबुलेंस संचालक नंदलाल राय की हत्या करने वाले नामजद अभियुक्त कृष्णा राय के द्वारा छपरा जेल में ही रची गई थी. पूरा मामला पटना कंकड़बाग स्थित मेडिविजन डिवीजन अस्पताल में छपरा से कमीशन पर मरीज भेजे जाने को लेकर हुआ था और नंदलाल राय के हत्यारे कृष्णा राय का कमीशन का रुपया उक्त अस्पताल के दो संचालक सुभाष और संदीप के पास बकाया था. लेकिन, वे पैसा देने में टालमटोल कर रहे थे.

जिसको लेकर छपरा जेल में बंद कृष्णा राय के द्वारा जेल में ही जिले के परसा थाना क्षेत्र के बथुरा गांव निवासी संदीप ओझा को इस घटना को अंजाम देने के लिए तैयार कर लिया. जिसके बाद संदीप जेल से निकलने के बाद अस्पताल के दोनों संचालक के परिचित छपरा के दरियापुर निवासी रॉकी एवं परसा निवासी रणविजय को अपने साथ मिलाया और तीनों पटना पहुंचे. जहां वे मेडिविजन अस्पताल के दो संचालक सुभाष और रवि रंजन के फ्लैट पर रुके और एक साथ खाया पिया.

रात्रि में एक बर्थडे पार्टी में जाने के बहाने सभी एक साथ पटना से निकले जहां गांधी सेतु पार करने के दौरान जब दोनों संचालकों को शक हुआ तो संदीप, रणविजय और रॉकी ने उन्हें हथियार के बल पर मारपीट करते हुए चुपचाप साथ चलने को कहा और 40 लाख की रकम मांगी. उसके बाद सौदा 10 लाख में तय हुआ. तब सुभाष और रवि रंजन ने बताया कि अस्पताल के अलमारी में रुपए है तो वे पुनः अस्पताल पहुंचे और वहां से साडे ₹3.5 लाख ले गए. वहीं सुभाष के परिजनों ने एक लाख नगद दिए. जिसके बाद अपहर्ताओं के एक्सिस बैंक खाते से ऑनलाइन चार लाख 56 हजार रूपये उनके खाते में ट्रांसफर किए गये.

लेकिन इतना के बावजूद भी जब अपहर्ताओं ने उन्हें नहीं छोड़ा और उनको लेकर वे छपरा पहुंचे, जहां उनके द्वारा परसा थाना क्षेत्र के खेत स्थित एक मकान पर रखा गया. जिसके बाद पुनः डेरनी थाना क्षेत्र स्थित एक गैरेज में उसे रखा गया था. तब तक यह मामला पुलिस में जा चुका था और पटना पुलिस तथा सारण पुलिस के सहयोग से दोनों अपहृत को बरामद कर मुख्य सरगना संदीप ओझा एवं उसके साथी रणविजय एवं राकी को गिरफ्तार कर लिया गया.

 

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