Chhapra Desk – छपरा विधिमंडल के तदर्थं कमिटी के महामंत्री हरदेव राय ने वर्ष 2015 से 2021 तक के विधि मंडल के आय व्यय के ऑडिट रिपोर्ट में करोड़ों रुपए के घोटाले मामले में विधि मंडल के पूर्व महामंत्री रवि रंजन प्रसाद सिंह, कोषाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह न-2, मदन मोहन सिंह तथा पूर्व आडिटर निर्मल कुमार, बाबू आनंद द्विवेदी समेत विधि मंडल के लिपिक सुमेर सिंह पर नामजद प्राथमिकी छपरा नगर थाना में दर्ज कराई है.
वहीं छपरा विधि मंडल के अध्यक्ष राम कुमार शर्मा, महामंत्री हरदेव राय एवं सदस्य बृजेश कुमार, राधा कृष्ण प्रसाद, रमेश तिवारी, दिनेश सिंह कौशिक, वीरेंद्र राय, विमल चंद सिंह, मोहर्रम अली अंसारी, सुनीता कुमारी, अरुण कुमार द्वारा आपातकालीन कार्यकारिणी की बैठक की गई जिसमें विधि मंडल की आम सभा में विधि मंडल के पूर्व महामंत्री रवि रंजन प्रसाद सिंह द्वारा किये गये कार्यों को लेकर निंदा प्रस्ताव पारित किया गया तथा जिसकी सूचना बिहार स्टेट बार काउंसिल पटना को भी भेज दी गई है.
वहीं छपरा विधि मंडल के पूर्व महामंत्री रवि रंजन प्रसाद सिंह ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा को पत्र भेजकर आग्रह किया है कि किसी निष्पक्ष ऑडिटर से छपरा विधिमंडल का ऑडिट कार्य कराया जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके. उन्होंने बताया है कि बिहार स्टेट बार काउंसिल के रेगुलेशन नंबर 175/ 2019 दिनांक 14 दिसंबर 2019 के माध्यम से ज्ञात होता है कि बिहार स्टेट बार काउंसिल के ऑडिट का कार्य सतीश कुमार चार्टर्ड अकाउंटेंट के द्वारा किया जा रहा था. उक्त सतीश कुमार चार्टर्ड अकाउंटेंट की ऑडिट की कार्यप्रणाली पर कई गंभीर आरोप प्रेम कुमार झा, सदानंद सिंह एवं अन्य बार काउंसिल के सदस्यों के द्वारा लगाए गए. ज्ञात होता है कि सतीश कुमार चार्टर्ड अकाउंटेंट के द्वारा बिना ट्रायल बैलेंस, इनकम एक्सपेंडिचर अकाउंट एवं प्रॉफिट लॉस अकाउंट शेयर की ऑडिट की गई है, जो कि ऑडिट के तौर तरीके के विपरीत है. सदानंद सिंह बार काउंसिल सदस्य के द्वारा कहा गया कि ऑडिट का कार्य सतीश कुमार के द्वारा नहीं कराया जाना चाहिए.
जिस पर विचार करते हुए बार काउंसिल के द्वारा अध्यक्ष बिहार बार काउंसिल को नया ऑडिटर नियुक्त करने हेतु अधिकृत किया गया, जो ऑडिट के तौर-तरीकों का अनुपालन करते हुए और इसकी प्रक्रिया संपन्न करा सके. बिहार बार काउंसिल के माननीय सदस्य पंकज कुमार झा द्वारा बताया गया कि तत्पश्चात किसी और ऑडिटर को बहाल कर ऑडिट कराई जा रही है, परंतु अफसोस की बात है कि दागी सतीश कुमार सीए से छपरा विधि मंडल का ऑडिट अधिक दर पर हरदेवराय तदर्थ कमेटी के महामंत्री द्वारा राजनीतिक विरोध के कारण कराकर हम लोगों के ऊपर अपराधिक मुकदमा कराया गया है. इन्हीं सब बातों को लेकर पूर्व महामंत्री ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष को पत्र भेजा है.