Chhapra Desk – छपरा जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अंतर्गत व्यवहार न्यायालय के न्याय सदन में पॉक्सो एक्ट 2012 एवं जेजेवी एक्ट 2015 तथा पटना उच्च न्यायालय के निर्णय क्रिमिनल डब्ल्यू जे सी 160/21 हनीफउर रहमान बनाम बिहार सरकार के आदेशों तथा उसमे अपनाई गई न्यायिक प्रक्रिया के संबंध में विस्तृत रूप से जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष एवं जिला सत्र न्यायाधीश रामलाल शर्मा एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अपर जिला सत्र न्यायाधीश नूरसुल्तान के निर्देशन में कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें सभी न्यायिक पदाधिकारी तथा किशोर न्याय परिषद, बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी एवं सदस्य तथा लोक अभियोजक उपस्थित थे. कार्यशाला में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश प्रथम बृजेश कुमार, एडीजे द्वितीय सह विशेष न्यायाधीश उत्पाद धर्मेंद्र झा, विशेष न्यायाधीश हरिजन एक्ट सह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय नलिन कुमार पांडे, एडीजे 4- अतुल कुमार सिंह, एडीजे 5 जीतीश कुमार, विशेष न्यायाधीश पॉक्सो सह एडीजे 6 सुमन कुमार दिवाकर, ए डी जे 7 अनुराग कुमार त्रिपाठी, एडीजे 8 बसंत कुमार एडीजे 9 अतुल कुमार सिंह, एडीजे 12 वेद प्रकाश मोदी, एडीजे 13 सुबीर कुमार, किशोर न्याय बोर्ड के प्रधान दंडाधिकारी राजेश कुमार, एसीजेएम 9 मोहम्मद ईनाम खां, एसीजेएम 13 सीमाएरम एवं न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी संजय कुमार सरोज, चंद्र बोस कुमार सिंह, सुशांत सागर, रूबी कुमारी एसडीजेएम सहित सभी द्वितीय श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी भी कार्यशाला में उपस्थित थे. कार्यशाला का संचालन सचिव नूर सुल्ताना के द्वारा किया गया. सर्वप्रथम किशोर न्यायालय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी राजेश कुमार ने किशोर न्यायालय संबंधी सभी नियमों पर क्रमवार विस्तृत रूप से चर्चा किया. तत्पश्चात किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य कश्मीरा सिंह, देव भूषण सिंह, किशोर न्याय बोर्ड के बारीकियों को समझाया. उसके बाद सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन ने अपने विचार रखे. तत्पश्चात विशेष न्यायाधीश पोक्सो सह एडीजे 6 सुमन कुमार दिवाकर ने माननीय पटना उच्च न्यायालय के निर्णय एवं निर्णय के बाद दी गई जानकारियों के संबंध में विस्तृत रूप से जानकारी दिया. उन्होंने कहा कि जागरूक होने के लिए जागृत होना आवश्यक है. बच्चे राष्ट्र की धरोहर हैं. बच्चों को संरक्षण देने वाली कोई भी संस्था को उसे हमेशा तत्पर एवं जागरूक रहना चाहिए और बच्चे के संबंध में किसी प्रकार का निर्णय यह सोच कर लेना चाहिए कि बच्चे पर उसका क्या असर होगा. उन्होंने पॉक्सो एक्ट तथा जेजेबी एक्ट के बारे मे भी विस्तृत रूप से सभी न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष रखा. उसके बाद विशेष न्यायाधीश चिल्ड्रन एक्ट सह एडीजे प्रथम बृजेश कुमार ने बच्चों के संबंधी सुरक्षा एवं जागरूकता के संबंध में तथा नियम के संबंध में जानकारी दिया. उसके बाद विशेष न्यायाधीश हरिजन एक्ट सह एडीजे तृतीय नलिन कुमार पांडे ने अपना विचार रखा तथा जेजेबी एक्ट तथा पोक्सो एक्ट के संबंध में जानकारी दिए. अंत में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सह जिला जज रामलाल शर्मा ने जेजेवी एक्ट, मोरल ट्रैफिक एक्ट तथा पटना उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय के आलोक में सभी बारीकियों पर जानकारी दी. कार्यशाला का समापन एवं धन्यवाद ज्ञापन न्यायिक दंडाधिकारी द्वितीय श्रेणी निशा उपाध्याय द्वारा दिया गया तथा विशेष धन्यवाद नूरसुल्ताना द्वारा दिया गया.