CHHAPRA DESK – छपरा सदर अस्पताल में डयूटी पर मौजूद महिला चिकित्सक भारती सिंह द्वारा प्रसव पीड़िता एवं उसके होने वाले शिशु की तत्काल मौत हो जाने का भय दिखाकर परिजनों को अस्पताल से भगा दिया गया. इसके बाद परिजन बदहवास होकर प्रसव पीड़िता को एक निजी नर्सिंग ले गये, जहां करीब 2 घंटे बाद महिला ने एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया. तब तक परिवार वालों की सांसे अटकी हुई थी. यह वाक्या एक पत्रकार के परिवार के साथ घटित हुआ. ऐसी स्थिति में डॉक्टर भारती सिंह का व्यवहार अन्य मरीजों के साथ कैसा होता होगा, इसका अंदाजा सहज लगाया जा सकता है. इस घटना के बाद सदर अस्पताल की महिला चिकित्सक भारती सिंह के खिलाफ छपरा सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर एसडी सिंह एवं सिविल सर्जन डॉक्टर सागर दुलाल सिन्हा के साथ जिला पदाधिकारी राजेश मीणा से भी शिकायत की गई है. साथ ही उक्त महिला चिकित्सक के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई किए जाने की मांग की गई है.
बताते चलें कि शहर के रौजा पोखरा निवासी एक प्रसव पीड़िता को प्रसव वेदना के साथ छपरा सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड में भर्ती कराया गया था. जहां उस वक्त कोई भी महिला चिकित्सक मौजूद नहीं थी. पूछताछ में पता चला कि उस समय डॉक्टर भारतीय सिंह की ड्यूटी है. जिसके बाद प्रसव वार्ड में मौजूद जीएनएम के द्वारा इस बात की सूचना उस महिला चिकित्सक को दी गई और महिला चिकित्सक सदर अस्पताल पहुंची. लेकिन प्रसव पीड़िता की जांच के बाद उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं है. इसे तुरंत किसी निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराना जरूरी है, नहीं तो आधे घंटे के अंदर जच्चा बच्चा दोनों की मौत हो जाएगी. इतना सुनते ही परिवार वालों में रोना पीटना शुरु हो गया. जिसके बाद इस बात की सूचना अस्पताल उपाधीक्षक को दी गई और एक पत्रकार के पहल पर एनेस्थेटिक डॉक्टर विकास सिंह प्रसव वार्ड पहुंचे तब तक उस महिला चिकित्सक के द्वारा मरीजों को डरा धमका कर अस्पताल से भगा दिया गया था. वही उस धर्म के द्वारा प्रसव पीड़िता को भी काफी डराया धमकाया गया कि सदर अस्पताल में निशुल्क प्रसव कराने के चक्कर में परिवार वाले तुम्हारी जान ले लेंगे. इस घटना से आहत परिवार वालों के द्वारा इस बात की शिकायत अस्पताल प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन से भी की गई है.