छपरा सदर अस्पताल के चिकित्सकों को 2 महीने के वेतन के नाम पर मिला लड्डू ; आक्रोशित चिकित्सक कभी भी कर सकते हैं वि’द्रोह

छपरा सदर अस्पताल के चिकित्सकों को 2 महीने के वेतन के नाम पर मिला लड्डू ; आक्रोशित चिकित्सक कभी भी कर सकते हैं वि’द्रोह

CHHAPRA DESK – छपरा सदर अस्पताल में बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू होने के बाद सदर अस्पताल के चिकित्सकों को दो महीने के वेतन के नाम पर लड्डू मिला है अर्थात 2 महीने के वेतन के नाम पर अनेक चिकित्सकों के वेतन मद में शून्य राशि आया है. जबकि कुछ चिकित्सकों को ₹1000 तो किसी को ₹2000 का वेतन आया है. जिससे सभी चिकित्सक आक्रोशित है और पूरी तरह विद्रोह के मूड में आ गए हैं. जब वे सिविल सर्जन कार्यालय गए तो उनसे मुलाकात नहीं हुई और जब उनके मोबाइल पर संपर्क किया तो सिविल सर्जन ने अपॉइंटमेंट लेकर मिलने की बात कही गई.

यह सुनकर चिकित्सक और भी आक्रोशित हो गये. जिसके बाद सदर अस्पताल के सभी चिकित्सकों ने ओपीडी में बैठक कर सिविल सर्जन से मिलने के बाद आंदोलन करने पर सहमति जताई है. लेकिन आंदोलन के रूप रेखा पर चर्चा होना बाकी है. चिकित्सकों का कहना है कि उनके द्वारा जुलाई और अगस्त महीने में भी नियमित कार्य किया है. जिसकी बदौलत इमरजेंसी वार्ड और ओपीडी दोनों सुचारू रूप से चला है. फिर भी उनके वेतन मद में अनेक चिकित्सकों को शून्य रुपए प्राप्त हुआ है तो किसी चिकित्सक को ₹1000 तो किसी चिकित्सा को ₹2000 दो महीने का वेतन दिया गया है.

चिकित्सकों ने बताया कि बायोमैट्रिक अटेंडेंस का वे शुरू से विरोध कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे. क्योंकि छपरा सदर अस्पताल में चिकित्सकों के कुल 72 पद स्वीकृत हैं. जबकि, यहां मात्र 29 चिकित्सक ही पदस्थापित है. ऐसी स्थिति में वे 72 चिकित्सकों का कार्य कर रहे हैं और 24 घंटे ड्यूटी पर ही है. जब बुलावा आता है सभी चिकित्सक अस्पताल पहुंच जाते हैं.ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य विभाग का यह रवाया अपेक्षा पूर्ण है. अगर स्वास्थ्य विभाग बायोमैट्रिक अटेंडेंस सही में लागू करना चाहता है तो सदर अस्पताल के सभी रिक्त पदों को भी भर दे. जिससे कि उनका कार्यभार हलका हो जाए और वे नियमानुकूल कार्य कर सके. ऐसे तो आपातकालीन स्थिति में ड्यूटी समाप्त होने के बाद भी वे कार्य करते हैं.

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