छपरा सदर अस्पताल में चिकित्सकों ने काला बि’ल्ला लगाकर किया काम – 11 सितंबर को ओपीडी सेवा बाधित करने के बाद 12 सितंबर से सभी कार्यों का करेंगे ब’हिष्कार

छपरा सदर अस्पताल में चिकित्सकों ने काला बि’ल्ला लगाकर किया काम – 11 सितंबर को ओपीडी सेवा बाधित करने के बाद 12 सितंबर से सभी कार्यों का करेंगे ब’हिष्कार

CHHAPRA DESK –  छपरा सदर अस्पताल के चिकित्सक 2 महीने से बकाया वेतन को लेकर आंदोलित है. आंदोलन के प्रथम चरण में आज से काला बिल्ला लगाकर कार्य करना प्रारंभ किया है. जिसके बाद 11 सितंबर को उनके द्वारा ओपीडी सेवा बाधित करने का निर्णय लिया गया है. वही उनकी मांगों पर विचार नहीं होने के बाद 12 सितंबर से वे स्वास्थ्य सेवाओं को पूरी तरह बाधित करेंगे.

इस आशय का बैनर उन लोगों के द्वारा ओपीडी के बाहर लगा दिया गया है, ताकि मरीज को और अस्पताल प्रशासन को यह संज्ञान में रहे. हालांकि आंदोलित चिकित्सकों के द्वारा इस आशय का ज्ञापन अस्पताल प्रशासन को भी सौंपा गया है.

क्यों आंदोलित है चिकित्सक

बता दे की छपरा सदर अस्पताल में चिकित्सकों की उपस्थिति को लेकर बायोमेट्रिक मशीन लगाया गया है. जिसका सभी चिकित्सक विरोध कर रहे हैं और उन लोगों के द्वारा बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं बनाई जा रही है. जिसको लेकर उनके 2 महीने का वेतन रोका गया है. विदित हो कि बायोमैट्रिक अटेंडेंस को लेकर छपरा और वैशाली दो जिलों को चुना गया है. जहां ट्रायल के आधार पर बायोमेट्रिक मशीन लगाया गया है. जिसका विरोध सभी चिकित्सक कर रहे हैं.

क्या कहते हैं चिकित्सक

इस मामले में काला बिल्ला लगाकर कार्य कर रहे चिकित्सकों ने बताया कि छपरा सदर अस्पताल में चिकित्सकों का 78 पोस्ट स्वीकृत है. जबकि यहां मात्र 32 चिकित्सकों के सहारे पूरे अस्पताल को चलाया जा रहा है. वे लोग अपनी ड्यूटी के बाद भी आपातकालीन स्थिति में अस्पताल पहुंचकर अपनी सेवा देते हैं.

उनकी ड्यूटी भले ही 8 घंटे की है लेकिन सदर अस्पताल के लिए भी 24 घंटे उपलब्ध रहते हैं. आपातकालीन स्थिति में बायोमैट्रिक अटेंडेंस बना पाना संभव नहीं हो पता है और इसको लेकर सिर्फ सदर अस्पताल के चिकित्सकों के वेतन पर रोक लगाई गई है. जबकि सभी सीएससी और पीएसी के चिकित्सकों का वेतन समय से हो रहा है.

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