Chhapra Desk – छपरा सदर अस्पताल में एक प्रसव पीड़िता को गंभीर स्थिति में भर्ती कराया गया, जहां उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए प्रसव वार्ड कुछ स्वास्थ्य कर्मियों के पसीने छूटने लगे. लेकिन उस प्रसव पीड़िता की हालत ऐसी नहीं थी कि उसे रेफर भी किया जा सके. जिसके बाद इस सूचना के मिलते ही सिविल सर्जन डॉक्टर सागर लाल सिन्हा, अस्पताल उपाधीक्षक डॉ सत्यदेव प्रसाद प्रसाद पहुंचे और उनके द्वारा महिला चिकित्सक डॉक्टर खुशबू तिवारी को ऑपरेशन की तैयारी करने का निर्देश दिया गया.
जिसके बाद सीएस व डीएस के द्वारा प्रसिद्ध सर्जन एवं एनेस्थेटिक डॉक्टर विकास सिंह तथा एनेस्थेटिक डॉक्टर रोहित कुमार को फोन किया गया और चिकित्सकों की टीम तैयार कर सफल ऑपरेशन कर प्रसव पीड़िता को तो बचा लिया गया लेकिन बच्चे को नहीं बचाया जा सका. ऑपरेशन के बाद घंटों भर ऑब्जरवेशन रखने के बाद जब महिला को होश आया तो चिकित्सकों के चेहरे पर खुशी के मुस्कान आ गए.
अस्पताल उपाधीक्षक डॉ सिंह ने बताया कि भेल्दी थाना क्षेत्र के अपहर गांव निवासी रुस्तम साह की पत्नी गुड़िया खातून को प्रसव वेदना के साथ छपरा सदर अस्पताल लाया गया. जहां पर उसकी उल्टी सांसे चल रही थी। कुछ पल की भी देरी होती तो उसकी जान जा सकती थी. ऐसी स्थिति में रेफर करना भी उचित नहीं था। जिसके बाद उनके द्वारा विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम तैयार कर ऑपरेशन कर गुड़िया खातून को बचा लिया गया जबकि बच्चे की मौत हो गई.
बताते चलें कि छपरा सदर अस्पताल के सिविल सर्जन स्वयं जिले के सबसे बड़े महिला चिकित्सक है. वही विकास सिंह भी एक बड़े सर्जन और एनेस्थेटिक भी हैं. इस ऑपरेशन में जिनका बहुत ही अहम रोल रहा. सफल ऑपरेशन के बाद गुड़िया खातून के परिवार वालों ने चिकित्सक टीम का आभार व्यक्त किया क्योंकि वे जच्चा-बच्चा दोनों के बचने की उम्मीद छोड़ चुके थे. सर्जरी टीम में सीएसडीएस एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ जीएनएम नसों का भी सराहनीय योगदान रहा उस महिला की जान बच सकी.