जदयू नेता ने पीटकर की एक व्यक्ति हत्या ; परिवार वालों में पुलिस के खिलाफ भी उबाल

जदयू नेता ने पीटकर की एक व्यक्ति हत्या ; परिवार वालों में पुलिस के खिलाफ भी उबाल

 

CHHAPRA DESK – छपरा जिले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है जहां जदयू नेता के द्वारा एक व्यक्ति की पीटकर हत्या किए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. उक्त व्यक्ति की मौत 1 महीने वेंटिलेटर रहने के बाद पटना में हुई है. जिसके बाद शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजन शव को लेकर घर पहुंचे. वही इस घटना की सूचना के बाद जदयू नेता परिवार सहित फरार हो गए हैं. मामला पारिवारिक विवाद का बताया गया है.

घटना छपरा जिले के भगवान बाजार थाना अंतर्गत काशी बाजार मोहल्ला स्थित प्रकाश सिंह लॉज की है. जहां स्वर्गीय फुलेना सिंह के पुत्र प्रकाश नारायण सिंह की एक महीने पहले उनके भाई प्रताप नारायण सिंह एवं उनके पुत्र जदयू नेता विशाल सिंह राठौर के द्वारा पिटाई की गई थी. जिसके बाद विगत 29 मार्च को उन्हें छपरा सदर अस्पताल से रेफर किए जाने के बाद पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां वह वेंटिलेटर पर चले गए थे और एक महीने बाद उनकी मौत पर परिवार वालों में उबाल देखने को मिला.

परिवार वाले सीधे इसमें पुलिस पर भी दोषारोपण कर रहे हैं कि पुलिस की लापरवाही के कारण उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई और राजनीति के प्रभाव में उन लोगों ने जैसे-तैसे 10 दिन पहले बेल भी ले लिया. उनकी मौत के बाद पुलिस हरकत में आई है और आरोपियों की धर पकड़ में लगी तो सभी लोग फरार हो चुके थे.

पाटलिपुत्र थाना में दर्ज किया गया था जीरो एफआईआर

एक महीने पहले पारिवारिक कलह के बाद मारपीट में प्रकाश नारायण सिंह के द्वारा जब भगवान ने थाने में एफ आई आर दर्ज कराया गया तो थाना के प्रयास से मामला सुलह करवा दिया गया था लेकिन घर पहुंचने के बाद उन लोगों के द्वारा पुनः मारपीट की गई थी. जिसके बाद वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे और उन्हें छपरा सदर अस्पताल के बाद बेहतर चिकित्सा के लिए पीएमसीएच रेफर किया गया था.

उनको पटना के रुबान अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां वह एक महीने तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद उनकी मौत हुई है. इस मामले में मृतक की पत्नी मीरा सिंह के द्वारा पाटलिपुत्र थाने में 29 मार्च को कांड संख्या 131/ 23 के तहत भगवान बाजार थाना क्षेत्र के काशी बाजार मोहल्ला निवासी प्रताप नारायण सिंह उनके पुत्र जदयू नेता विशाल सिंह राठौर, विवेक एवं विक्रांत सहित कुल 7 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था.

जिसके बाद वे लोग राजनीतिक पहुंच के कारण गिरफ्तारी से बचते रहे और उसी क्रम में विगत 10 दिन पहले उन लोगों के द्वारा बेल भी ले लिया गया. जबकि उस प्राथमिकी में भादवि की धारा 307 सहित अनेक धारा लगे हुए थे. जिसको लेकर परिजनों में खासा आक्रोश देखने को है. वही परिवार वाले न्याय नहीं मिलने पर आत्मदाह करने तक की धमकी दे रहे हैं.

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