CHHAPRA DESK – छपरा में जहरीली शराब कांड मामले की जांच करने के लिए केंद्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम छपरा पहुंची. जहां, उनके द्वारा जहरीली शराब कांड के केंद्र रहे मढौरा के साथ अमनौर में भी जांच कर मृतक के परिवार वालों से घंटों पूछताछ की गई. हालांकि बीते दिन भी केंद्रीय मानवाधिकार आयोग की एक टीम ने छपरा सदर अस्पताल पहुंचकर संदिग्ध मौतों के विषय में अस्पताल प्रशासन से जानकारी हासिल की थी.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम ने मशरक पहुंच काफी सतर्कता बरतने हुए एक एक बिन्दु पर पीड़ित परिवार से जानकारी हासिल की. मशरक नगर पंचायत सहित गंगौली, बहरौली एवं दुरगौली पंचायत में जहरीली शराब पीने से हुई मौत के विभिन्न पहलुओं की जानकारी आयोग के टीम के सदस्य ले रहे थे. चार सदस्यीय टीम ने पत्रकारों को कुछ भी बताने से परहेज किया. बताते चलें कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम गांवों में घर घर घूमकर पीड़ित परिवारों से विस्तृत जानकारी ली.
वहीं क्षेत्र के किसी भी राजनैतिक दल या प्रतिनिधियों से दुरी देखी गई. मानवाधिकार आयोग से आये सदस्य शराब कांड से जुड़े मामले की जानकारी ली. वहीं पत्रकारों से दुरी बनाए रखा तथा कुछ भी बताने में असमर्थता जताई. आपको बताते चलें कि सिर्फ मशरक में ही 43 लोगों का जहरीली शराब से मौत हो गया है. वहीं दर्जनों का इलाज चल भी रहा है. कुछ ने आंख ही गंवा दिया है, जिन्हें दिखाई नहीं पड़ रहा है.
जिसके बाद केंद्रीय मानवधिकार आयोग की टीम अमनौर पहुंच पीड़ित परिजनों से मिलकर विस्तृत जांच किया. अधिकांश ग्रामीणों ने बीमारी से मौत होने की बात टीम के समक्ष कही. हालांकि अधिकांश लोगों का कहना था कि मौत का कारण विशाक्त शराब है. केंद्रीय मानवाधिकार आयोग के दर्जनों सदस्य शराब से मृत परिजनों के घर घर पहुंच जांच किया.
टीम के पहुचते गांव में दर्जनों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. प्रशासन में खलबली देखी गई. जांच के सम्बंध में पूछे जाने पर केंद्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम कुछ भी बताने से इनकार किया. इस दौरान टीम के साथ डीएसपी सदर, अमनौर थाना अध्यक्ष सुजीत कुमार चौधरी, भेल्दी थाना समेत कई जनप्रतिनिधि मौजूद थे.