जीईएस की परीक्षा में मिला मुगलकालीन इतिहास का प्रश्न पत्र ; छात्रो ने हंगामा किया तो कहा गया कुछ भी लिख दो पास हो जाओगे

जीईएस की परीक्षा में मिला मुगलकालीन इतिहास का प्रश्न पत्र ; छात्रो ने हंगामा किया तो कहा गया कुछ भी लिख दो पास हो जाओगे

CHHAPRA DESK- जेपीविवि में स्नातक फाईनल ईयर के थ्योरी पेपर के एग्जाम के अंतिम दिन विवि की लापरवाही एक बार फिर सामने आ गई. शनिवार को फर्स्ट सिटिंग की जेनरल इन्वायरमेंटल साइंस की परीक्षा में शामिल परीक्षार्थियों के प्रश्नपत्र देखते ही होश उड़ गए. विशेष रूप से हिस्ट्री ऑनर्स के छात्रों को छोड़ अन्य आर्टस सब्जेक्ट के छात्र अपना प्रश्नपत्र पढ़ते ही टेंशन में आ गए. छात्रों का कहना था कि फर्स्ट सिटिंग में जेनरल इन्वायरमेंटल साइंस की परीक्षा में पुछे गए सभी 10 के 10 क्वैश्चन मात्र हिस्ट्री सब्जेक्ट से पुछे गए थें. जबकि जीईएस के पेपर में हिस्ट्री, जियोग्रॉफी,पाॅलिटिकल साइंस सहित अन्य आर्टस के सब्जेक्ट के सवाल शामिल रहते हैं.

बहरहाल थोड़ी देर में ही परीक्षा केन्द्र से परीक्षा नियंत्रक के पास मामले की जानकारी मिली. जिसके बाद आनन-फानन में वॉटसैप के माध्यम से परीक्षा केन्द्रों पर एडिशनल क्वैश्चन पेपर उपलब्ध कराकर फर्स्ट सिटिंग की परीक्षा शांतिपूर्ण संपन्न कराया गया. उधर सेकेंड सिटिंग में साइंस एवं कॉमर्स के छात्रों की जीईएस के परीक्षा बिना किसी परेशानी के संपन्न हो गई. बतातें चलें की स्नातक फाईनल ईयर की परीक्षा में ऑनर्स के चार पेपर के साथ ही 100 नंबर का एक पेपर जेनरल इन्वायमेंटल साइंस (जीइएस)की परीक्षा में शामिल होना सभी के लिए अनिवार्य है. परीक्षा में कुल 10 क्वैश्चन में से मात्र 5 क्वैश्चन का जवाब लिखना होता है.

-एसएफअाई ने परीक्षा केन्द्रों का दौरा कर ली जानकारी
उधर स्नातक फाईनल ईयर की परीक्षा में जीईएस के पेपर में गड़बड़ी की सूचना मिलने के साथ ही एसएफआई के प्रतिनिधिमंडल ने विभिन्न परीक्षा केन्द्रों का दौरा कर परीक्षा देकर बाहर निकलने वाले परीक्षार्थियों से वस्तुस्थिति से अवगत हुए. संगठन के नेताओं के समझा परीक्षा देकर बाहर आए छात्रों ने कहा कि उन्हे न तो एक्सट्रा कॉपी दी गई और न ही उन्हे एक्सट्रा समय दिया गया. राजेन्द्र कॉलेज परीक्षा केन्द्र पर पहुंचे संगठन जिला अध्यक्ष रूपेश कुमार ने गड़बड़ी के लिए जिम्मेवार लोगों पर कार्रवाई की मांग की. उन्होने विवि प्रशासन से जीईएस की परीक्षा में सभी परीक्षार्थियों को ग्रेस मार्क्स देकर पास करने की मांग किया.
कैसे बनता है क्वैश्चन पेपर
विवि द्वारा किसी भी सब्जेक्ट के क्वैश्चन पेपर तैयार करने के लिए एक पैनल बनाया जाता है. पैनल द्वारा बनाए गए क्वैश्चन पेपर मॉडरेशन के लिए नियुक्त एक्सपर्ट के पास क्वैश्चन पहुंचता है. वहां से हरी झंडी मिलने के बाद चयनित क्वैश्चन पेपर सील्ड लिफाफे में प्रिंट के लिए संबंधित एजेंसी को भेजा जाता है. वहां से प्रिंट किया हुआ क्वैश्चन पेपर पुन: सील्ड किया हुआ विवि के परीक्षा विभाग को प्राप्त होता है. जिसके बाद परीक्षा विभाग संबंधित क्वैश्चन पेपर को परीक्षा के दिन निर्धारित केन्द्र पर पहुंचाना सुनिश्चित करता है.

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