CHHAPRA DESK – झारखंड के नये राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन आजकल पूरे देश में चर्चा का विषय बने हुए हैं. आज जनता को भी ऐसे शख्सियत की आवश्यकता है. उन्होंने झारखंड का राज्यपाल बनते ही राजभवन की व्यवस्था पूरी तरह से बदल दी है. उन्होंने फिजूलखर्ची पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. जिससे राजभवन का सरकारी खर्च करीब 75% तक कम हो गया है.
वह अपने मोबाइल का खर्च भी खुद के वेतन से करते हैं तथा हर अतिरिक्त खर्च खुद उठाते हैं. हाल ही में उन्होंने राजभवन में तीन दिवसीय पूजा अनुष्ठान का आयोजन किया था. जिसके लिए भी उन्होंने सरकारी पैसे का उपयोग नहीं किया, बल्कि खुद 10 हजार रुपए देकर सामान मंगवाया था.
अभी तक नहीं रखा पीए भी ; निशुल्क काम करेंगे बालागुरु
इससे पूर्व के राज्यपाल रमेश बैस ने को-टर्मिनस के आधार पर अलग-अलग काम के लिए 18 निजी कर्मचारी रखे थे. जिनके वेतन का भुगतान सरकारी कोष से होता था. इनमें तीन रायपुर, चार दिल्ली और 11 राजभवन में कार्यरत थे. जबकि वर्तमान राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन अब तक अपना पीए तक नहीं रखे हैं सीपी राधाकृष्णन ने हाल ही में बालागुरु स्वामी को अपना एकेडमिक एडवाइजर नियुक्त किया है. कई विश्वविद्यालयों के वीसी, यूपीएससी के सदस्य और शिक्षा क्षेत्र में कई अहम पदों पर रहे बालागुरु स्वामी इसके लिए कोई वेतन नहीं लेंगे.
परिवार के लिए भी नहीं ली कोई सुविधा
बता दें कि राधाकृष्णन की पत्नी आर सुमति ज्यादातर चेन्नई में रहती हैं. वे या उनके परिवार के सदस्य जब भी झारखंड आते है तो उनकी हवाई यात्रा का खर्च राज्यपाल खुद उठाते हैं. यहां तक कि एयरपोर्ट से उन्हें लाने के लिए स्कॉट नहीं, बल्कि सिर्फ एक गाड़ी भेजी जाती है.
जूता उठाया तो कर देंगे सस्पेंड
राजभवन में राज्यपाल को जूता पहनाना अर्दलियों की खास आदत रही है. लेकिन, राधाकृष्णन ने आते ही सख्त आदेश जारी कर दिया है. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहां है कि अगर किसी ने उनका जूता उठाया तो सस्पेंड कर दिए जाएंगे.