CHHAPRA DESK – बिहार में शराबबंदी अब परेशानी का सबब बनता जा रहा है. जहां उत्तर प्रदेश से धड़ल्ले से शराब की तस्करी हो रही है. वही अधिक मात्रा में नौसादर से तैयार किए गए जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. सारण में एक पखवाड़े के अंदर 2 दर्जन से अधिक मौतें जहरीली शराब पीने से हो चुकी है. शराबियों को गिरफ्तार करना पुलिस के लिए भी परेशानी का सबब बन गया है.
बीते दिनों पुलिस द्वारा एक शराबी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया लेकिन उसकी स्थिति ऐसी नहीं थी कि उसे जेल में रखा जा सके. जिसके बाद जेल प्रशासन के द्वारा उसे छपरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. इस दौरान जब तक उसे कोर्ट द्वारा बेल मिला, तब तक उसकी मौत अस्पताल में ही हो गई. मृत कैदी जिले के दिघवारा थाना क्षेत्र निवासी मोनाका प्रसाद का पुत्र राजकुमार पासवान बताया गया है. उसे दिघवारा थाना के द्वारा विगत 25 अगस्त को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, लेकिन उस समय उसकी स्थिति अच्छी नहीं थी. जिसके कारण जेल प्रशासन के द्वारा उसे छपरा सदर अस्पताल पहुंचाया गया.
बताया जा रहा है कि वह शराब के नशे का आदी था. शराब नहीं मिलने के कारण उसकी स्थिति बिगड़ती गई. इस बीच 27 अगस्त को कोर्ट के द्वारा उसे बेल मिला. लेकिन बेल की कागजी कार्रवाई पूरी होने से पहले ही वह अस्पताल में मौत की नींद सो गया. ऐसी स्थिति में एक शराबी गिरफ्तारी के बाद ना तो जेल पहुंचा और ना ही बेल पर रिहा हुआ बल्कि वह हमेशा के लिए दुनिया से रिहा हो गया.
जिसके बाद जिला प्रशासन के द्वारा इस बात की सूचना उसके परिजनों को देते हुए रात्रि में ही मेडिकल बोर्ड का गठन कर शव का पोस्टमार्टम छपरा सदर अस्पताल में कराया, जिसके बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया गया.