Chhapra Desk – भारत के चार त्योहारों में दीपावली का अपना विशिष्ट स्थान है. कार्त्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या को दीपोत्सव का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन लक्ष्मी जी एवं गणेश जी की पूजा होती है. घरों को दीपों से सजाया जाता है. ज्योतिषाचार्य सुभाष पांडे ने बताया कि ब्रह्मपुराण में लक्ष्मी महारानी सद्गृहस्थों में विचरण करती है. इसलिए मकानों को सर्व विधि से शुद्ध, स्वच्छ एवं दीपों से रोशन कर दीपावली मनाने से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं. उन्होंने बताया कि महिलाओं को अपने घर में दीपक लेकर
त्वं ज्योति: श्री रविचंद्रो विधात्सौसर्ण तारका:। सर्वेषां-ज्योतिषा ज्योतिदीप ज्योति: स्थितेङ नम:।। मंत्र से लक्ष्मी माता को जगाना एवं पूजना चाहिए. डॉ पांडेय ने बताया कि आज भी गोवर्धन पूजा मगध की राजधानी की ब्रह्मकुंड क्षेत्र में राजा वसु द्वारा प्रतिष्ठापित श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में लक्ष्मी जी की पूजा धूमधाम से मनायी जाती है. कार्तिक शुक्ल प्रतिपाद को भगवान के नैवेद्य में नित्य के नियमित पदार्थों के अतिरिक्त अनेक प्रकार के पकवान अर्पण किया जाता है. भगवान के भक्तों को भोजन कराकर शेष सामाग्री को वितरण किया जाता है.