GOPALGANJ DESK –जनकपुर से निकली देव शिला शोभा यात्रा मंगलवार को गोपालगंज जिला पहुंची, जहां डुमरिया घाट के समीप स्थित सिधवलिया प्रखंड के खोरमपुर एनएच 27 पर श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर शालिग्राम शिला का स्वागत किया. इसके साथ ही बैकुंठपुर की माटी धन्य हो उठी. राम नाम के नारों से डुमरिया घाट गूंज उठा. आम से लेकर खास तक सभी लोग देवशिला शोभा यात्रा का हिस्सा बनने के लिए उत्सुक थे. बताते चलें कि जनकपुर धाम से लाई जा रही 40 टन वजन की दो शिलाएं गोपालगंज के रास्ते अयोध्या के लिए ले जायी जा रही है. इसी शिलाओं से अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में राम व सीता की मूर्तियां बनाकर स्थापित की जाएगी. जानकर बताते हैं कि 6 करोड़ वर्ष पुरानी यह दोनों शिलाएं हैं.
यह शिला यात्रा डुमरिया पहुंचते ही पूर्व से उपस्थित भीड़ ने शिलापूजन व पुष्प वर्षा कर अपने आस्था का परिचय दिया. शालिग्राम शिला यात्रा पहुंचने की पूर्व से जानकारी होने के कारण भाजपा के कार्यकर्ताओं ने खास तैयारियां की थी. विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष व विपक्ष के नेता विजय सिन्हा, पूर्व मंत्री राणा रणधीर सिंह, बैकुंठपुर के पूर्व विधायक सह भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी ने बुलडोजर से पुष्प वर्षा किया. इस दौरान पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा कि आस्था के प्रतीक जन-जन में व्याप्त श्रीराम के मूर्ति के निर्माण का शीला आपके दर्शन, भक्ति, स्पर्श व स्नेह को लेकर अयोध्या पहुंचेगा.
उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने कहा था कि 21वीं सदी में भारत विश्वगुरु बनेगा. राम मंदिर निर्माण उनके बातों को साबित कर रहा है. पूर्व विधायक सह भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी ने कहा कि करीब चार सौ वर्षों तक राम मंदिर निर्माण के लिए पूर्वजों ने संघर्ष किया. तब जाकर मंदिर का निर्माण हो रहा है. इस आंदोलन में कई लोग शहीद हो गए. उन्होंने कहा कि यह संयोग है कि नेपाल के पोखरा स्थित काली गंडकी नदी से निकालकर जनकपुर से अयोध्या जा रही शालिग्राम शीला का दर्शन करने का सौभाग्य मिला है.
अयोध्या के लिए ले जाया जा रहा देवशीला डुमरिया से होकर जा रहा है. उन्होंने कहा कि डुमरिया घाट पर बने राम घाट व सीता घाट पर कार्तिक पूर्णिमा के दिन लाखों लोग आस्था की डुबकी लगाते हैं. यह जगह और गुलजार होगा. रिवरफ्रंट के बगल में भव्य शिव मंदिर का भी निर्माण होना है. इसकी स्वीकृति केंद्र सरकार से मिल गई है. वहीं पूर्व सांसद सह पूर्व मंत्री जनक राम ने भी अपने संबोधन में कहा कि जिस शिला से राम व सीता का निर्माण होगा वह जिले से होकर ले जाया जा रहा है.हम सभी सौभाग्यशाली हैं कि हम सभी मूर्ति निर्माण से पूर्व ही उस शिला का पूजा व स्पर्श कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोग ताना मारते थे कि मंदिर वहीं बनाएंगे लेकिन तारीख नहीं बताएंगे. नरेंद्र मोदी की सरकार मंदिर भी बनवाने का काम कर रही और तारीख भी सब तय कर चुकी है कि कब मंदिर का उद्घाटन होगा. मौके पर भाजपा के जिलाध्यक्ष विनोद सिंह, पूर्व डीआईजी रामनरायण सिंह, भाजपा नेता अनूप श्रीवास्तव, सुदामा मांझी, शुभनरायण सिंह, संंजय सिंह हेमंत कुशवाहा सहित सैकडों लोग उपस्थित थे.
भीड़ को लेकर सुरक्षा के थे पुख्ता इंतजाम
डुमरिया घाट पर शालिग्राम शिला के पहुंचने पर होने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए एसडीपीओ संजीव कुमार, डीएसपी हेड क्वार्टर ज्योति कुमारी, सिधवलिया थानाध्यक्ष धनंजय कुमार, महम्मदपुर थानाध्यक्ष राजेश कुमार, बैकुंठपुर थानाध्यक्ष धनंजय कुमार एवं सिधवलिया के बीडीओ रविंद्र कुमार, बैकुंठपुर बीडीओ अशोक कुमार व बरौली बीडीओ के अलावे दर्जनों की संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी.
क्या है शालिग्राम की कहानी
धार्मिक ग्रंथों की पौराणिक कहानियों में माता तुलसी और भगवान शालिग्राम का जिक्र है. कथा के अनुसार जलंधर नामक दैत्य ने माता पार्वती को अपनी पत्नी बनाने के लिए कैलाश पर्वत पर हमला कर दिया था. वहीं जलंधर को देवताओं से बचाने के लिए उसकी पत्नी वृंदा ने तपस्या शुरू कर दी. इससे देवता घबरा गए. ऐसे में भगवान विष्णु ने जलंधर का रूप धारण किया और वृंदा के सामने पहुंच गए. इसके बाद वृंदा ने सामने जलंधर को देख तपस्या छोड़ दी. इसी के बाद दैत्य जलंधर मारा जा सका. जब इसका वृंदा को पता चला तो उसने भगवान विष्णु को पत्थर बनने श्राप दे दिया. देव लोक के देवता इस पर वृंदा के पास पहुंचे और उन्हें श्राप मुक्त करने के लिए आग्रह किया. भगवान विष्णु को श्राप मुक्त तो कर दिया लेकिन वह खुद अग्नि में समाहित हो गईं. कहते हैं कि उनकी भस्म से माता तुलसी का जन्म हुआ. आगे चलकर माता तुलसी का विवाह विष्णु भगवान के अवतार शालिग्राम से हुआ. इसलिए आज भी इन पत्थरों का इतना ज्यादा धार्मिक महत्व है.
जल्द तैयारी की जाएगी भगवान राम की मूर्ति
राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के मुताबिक मंदिर के गर्भगृह में राम लला के बाल्य रूप के विग्रह के निर्माण को लेकर तेजी से काम शुरू करने की तैयारी है. इसके लिए नेपाल के काली गंडकी नदी से 7 फुट लंबे 5 फुट चौड़े आकार के दो शालिग्राम पत्थर तलाश अयोध्या लाए जा रहे हैं. मूर्तिकार शालिग्राम शिलाओं को जल्द भगवान राम की मूर्ति का आकार देंगे.
साभार : आलोक कुमार