Chhapra Desk- बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण सिंह के पुण्यतिथि पर गया जिले के झीलगंज स्थित ब्रह्मर्षि सेवा अभियान के प्रधान कार्यालय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया. जहां उपस्थित ब्रह्मर्षि समाज के लोगों ने डॉक्टर श्रीकृष्ण के तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया. इस गोष्ठी को संबोधित करते हुए बिहार भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य महेश शर्मा ने कहा कि आज कालजयी आधुनिक बिहार के निर्माता, अद्वितीय प्रशासक, विद्वान, बिहार केसरी डॉ श्रीकृष्ण सिंह की पुण्य तिथि है. उन्होंने आजादी के बाद राष्ट्रीय स्तर पर बिहार को नई पहचान दी है. उनका विद्वता में तो कोई सानी नहीं है पर आज 4 दर्जन से अधिक बने विश्वविधालय में इस महामानव की कोई चर्चा नही है. विकास पुरुष के नाम पर विकास के प्रतीक गंगा पर ब्रिज, रेलवे स्टेशन, हवाईअड्डे से डॉ श्रीकृष्ण सिंह का नाम गायब है. राज्य सरकार ने भारत रत्न के लिये नाम की अनुशंसा करना भी उचित नहीं समझा. वहीं स्वाभिमान पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष कौशलेंद्र नारायण ने कहा कि डॉक्टर श्रीकृष्ण सिंह शुचिता पूर्ण राजनीति के जनक व वंशवाद के प्रखर विरोधी व नमक सत्याग्रह आंदोलन के प्रनेता थे. जिन्हें गांधी भी बिहार के प्रथम सत्याग्रही कहा करते थे. श्री बाबू ने देवघर मंदिर मे आंदोलन कर दलितों का प्रवेश कराया था.
वह ऐसे मुख्यमंत्री थे जो देश के प्रधानमंत्री डॉ जवाहरलाल नेहरू से भी तुम करके बात किया करते थे. श्री बाबू के मरने पर जब उनका अल्मारी खोला गया तो उसमे मात्र 24 हजार 500 रूपये मौजूद थे. जिसमे एक लिफाफे में रखे 20 हजार रुपए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के लिए थे. दूसरे लिफाफे में तीन हजार रुपए मुनीम की बेटी की शादी के लिए थे. तीसरे लिफाफे में एक हजार रुपए थे जो महेश प्रसाद सिन्हा की छोटी कन्या के लिए थे. चौथे लिफाफे में 500 रुपए श्रीकृष्ण सिंह की सेवा करने वाले खास नौकर के लिए थे. यह कमाई उस व्यक्ति का था, जो लगातार 15 वर्षों तक मुख्यमंत्री के पद पर आसीन रहा हो. श्री बाबू के कुशल नेतृत्व में बिहार विकास के मामले में दूसरे पायदान पर खड़ा था. उनके शासनकाल में ही बिहार में भारत देश की पहली रिफाइनरी बरौनी ऑयल रिफायनरी बिहार में लगी थी. उन्हीं के शासनकाल में हमारे देश में पहला खादी कारखाना, एशिया का सबसे बड़ा इंजीनियरिंग कारखाना, भारत का सबसे बड़ा स्टील प्लांट-सेल बोकारो, एशिया का सबसे बड़ा रेलवे यार्ड गड़हरा, भागलपुर, बिहार और रांची के विश्वविद्यालय ऐसे ही अनेक अनगिनत कार्य बिहार राज्य में हुए थे. जिससे राज्य में खुशहाली आई हैं. गोष्ठी को भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य महेश शर्मा और संजय शर्मा ने भी संबोधित किया. इस गोष्ठी में नन्हे शर्मा, मनीष शर्मा, अविनाश शर्मा व पूर्व वार्ड पार्षद मंटू शर्मा आदि मौजूद थे.