CHHAPRA DESK – सारण की बेटी हर्षिता जयसवाल ने अपने प्रथम प्रयास में ही नेट परीक्षा क्वालीफाई कर माता पिता और गुरुजनों का मान बढ़ाया है. बता दें कि हर्षिता ने आर्चियोलॉजी (पुरातत्वशास्त्र) में नेट क्वालीफाई किया है, जिसमें देशभर से मात्र 80 छात्र-छात्राओं को ही सफलता मिली है. राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा आयोजित यूजीसी नेट दिसंबर 2021 और जून 2022 के परीक्षा में वैसे तो अनेक छात्र-छात्राओं ने नेट परीक्षा में सफलता हासिल की है लेकिन हर्षिता जायसवाल कुछ अलग करना चाहती है और वह पुरातत्वशास्त्र पर अपना शोध करना चाहती है.
हर्षिता जयसवाल छपरा शहर के शिव बाजार, प्रगति नगर मोहल्ला निवासी अरुण कुमार जायसवाल एवं पूनम जायसवाल की पुत्री हैं. उसके पिता अंग्रेजी के शिक्षक हैं. वहीं माता गृहणी हैं. बता दें कि हर्षिता शुरू से ही कुशाग्र बुद्धि की रही है. बोर्ड की परीक्षा में उसने 10 सीजीपीए प्राप्त किया था. वही बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से 8.52 सीजीपीए से बीए उत्तीर्ण किया था. इसके साथ ही उसने प्रारंभिक माउंटेनियरिंग कोर्स, योगा कोर्स, मार्शल आर्ट प्रशिक्षण आदि भी प्राप्त किया है. हर्षिता ने अपनी सफलता का श्रेय अपने शिक्षक पिता, माता तथा डॉ हरिओम प्रसाद को बताया है. उनकी इस सफलता पर शहर के कई गणमान्य लोगों ने बधाई दी है.
बता दें कि पुरातत्वशास्त्र वह विज्ञान है जो प्राचीन वस्तुओं का अध्ययन व विश्लेषण करके मानव-संस्कृति के विकासक्रम को समझने एवं उसकी व्याख्या करने का कार्य करता है. यह विज्ञान प्राचीन काल के अवशेषों और सामग्री के उत्खनन के विश्लेषण के आधार पर अतीत के मानव-समाज का सांस्कृतिक-वैज्ञानिक अध्ययन करता है.