बदलते मौसम में शिशुओं को निमोनिया का अधिक ख़तरा ; बचाव के लिए पीसीवी टीका कारगर : पदाधिकारी डॉ शैलेश कुमार

बदलते मौसम में शिशुओं को निमोनिया का अधिक ख़तरा ; बचाव के लिए पीसीवी टीका कारगर : पदाधिकारी डॉ शैलेश कुमार

CHHAPRA DESK – सर्दी के मौसम में बच्चों को निमोनिया का अधिक ख़तरा होता है. इसलिए इस मौसम में बच्चों को निमोनिया से बचाव पर अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार बच्चों में होने वाली मौतों में निमोनिया एक प्रमुख कारण है. विश्व भर में प्रति वर्ष 5 वर्ष से कम आयु के लगभग 13 लाख बच्चों की जान केवल निमोनिया के कारण चली जाती है, जो कुल होने वाली मौतों का लगभग 18 प्रतिशत है. इस दिशा में सरकार ने निमोनिया से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण में पीसीवी टीके को शामिल किया है. यह टीका निमोनिया से बचाव में काफ़ी असरदार है.


ठंड के मौसम में अधिक ख़तरा

छपरा सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी सह शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर शैलेश कुमार ने बताया कि बदलते मौसम में शिशुओं की बेहतर देखभाल जरूरी है. इस मौसम में शिशुओं में निमोनिया होने का खतरा अधिक हो जाता है। निमोनिया एक संक्रामक रोग है जो एक या दोनों फेफड़ों के वायु के थैलों को द्रव या मवाद से भरकर उसमें सूजन पैदा करता है. इससे बलगम वाली खांसी, बुखार, ठंड लगना और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है. निमोनिया साधारण से जानलेवा भी हो सकता है. इसलिए इस मौसम में शिशुओं को ठंड से बचाना चाहिए. इससे बचाव के लिए पीसीवी का टीका बच्चे को जरुर लगवाना चाहिए.

शिशुओं व 65 वर्ष उम्र से अधिक व्यक्तियों को खतरा

वहीं छपरा सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि आमतौर पर निमोनिया से शिशुओं, बच्चों एवं 65 वर्ष से ऊपर आयु वाले लोगों या कमजोर प्रतिरोधक प्रणाली वाले लोगों को अधिक ख़तरा होता है. यह एक संक्रामक रोग है जो छींकने या खांसने से फ़ैल सकता है. जिले में सर्दी के मौसम के शुरुआत से ही बच्चों में निमोनिया एवं ठंड से जुडी अन्य बीमारियों में बढ़ोतरी हुयी है.

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