CHHAPRA DESK – छपरा शहर स्थित बालिका गृह में एक किशोरी की मौत हो गई. उसे बीमार स्थिति में वहां से उठाकर छपरा सदर अस्पताल लाया गया, जहां सदर अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक के द्वारा उसे मृत घोषित कर दिया गया. हालांकि उसकी मौत का कारण बीमारी बताया जा रहा है. लेकिन बड़ा सवाल यह उठता है कि अगर वह बालिका गृह में बीमार थी तो उसको समुचित उपचार समय पर क्यों नहीं मिला? जिसके कारण उसकी मौत हुई है.
जबकि, बालिका गृह में प्रति सप्ताह चिकित्सक जांच के लिए वहां पहुंचते हैं. ऐसी स्थिति में किशोरी की मौत कई सवाल खड़े कर रहा है. प्राप्त सूत्रों के अनुसार उस बच्ची की तबीयत आज सुबह 8:00 बजे खराब हुई थी. जिसके बाद बालिका गृह में केयरटेकर के द्वारा उसे पारासीटामोल की गोली खिलाई गई थी और वह बच्ची 10:00 बजे तक ठीक थी. लेकिन धीरे-धीरे उसकी तबीयत बिगड़ती गई. काफी देर बाद जब बच्ची को देखा गया कि वह पूरी तरह अचेत पड़ी हुई है तो बालिका गृह की अन्य बच्चियों के द्वारा इस बात की सूचना केयरटेकर को दी गई और उस बच्ची को उठाकर छपरा सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड लाया गया, जहां चिकित्सक के द्वारा उसे मृत घोषित कर दिया गया.
जिसके बाद बालिका गृह कर्मियों में हड़कंप मच गया. वहीं सूचना के बाद बालिका गृह के पदाधिकारी, बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी और बाल संरक्षण इकाई के असिस्टेंट डायरेक्टर धर्मवीर सिंह मौके पर पहुंचे और मामले की छानबीन प्रारंभ की. बाल संरक्षण इकाई के असिस्टेंट डायरेक्टर श्री सिंह ने बताया कि बालिका गृह में एक किशोरी की मौत हुई है. इस मामले की छानबीन की जा रही है. फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही उसकी मौत के कारणों का पता चल सकेगा.
मेडिकल बोर्ड के द्वारा कराया गया पोस्टमार्टम
बालिका गृह में किशोरी की मौत के बाद जिला प्रशासन के निर्देश पर अस्पताल प्रशासन के द्वारा मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया. वहीं शव का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड के द्वारा किया गया. मेडिकल बोर्ड में सदर अस्पताल के चार चिकित्सकों को शामिल किया गया, जिनके द्वारा पोस्टमार्टम किया गया. मेडिकल बोर्ड में डॉ संदीप कुमार यादव, डॉक्टर विजय लाल, डॉक्टर हरेंद्र कुमार एवं महिला चिकित्सक डॉ सीमा सिंह शामिल थे. अब किशोरी की मौत का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही हो सकेगा.