PATNA DESK – बिहार के वित्त मंत्री विजय चौधरी ने बजट सत्र के दूसरे दिन वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया. लोकलुभावन इस बजट को आगामी 2024 में लोकसभा चुनाव और 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अहम माना जा रहा था. इस बजट में रोजगार और महिला सशक्तिकरण पर नीतीश सरकार ने विशेष ध्यान दिया है. नीतीश सरकार ने केंद्र से विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग भी की है. उम्मीद के अनुसार, बिहार बजट 2023-24 में नीतीश सरकार ने बंपर भर्ती का एलान किया है.
बिहार बजट 2023-24 क्या है खास
नीतीश सरकार द्वारा 10 प्रमुख एलानों की बात करें तो बजट में रोजगार को प्राथमिकता दी गई है. वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य में 32 फीसद आबादी युवाओं की है. सरकार की 10 लाख युवाओं को रोजगार देने की योजना है. राज्य के विभिन्न पदों और सेवाओं के लिए बिहार लोक सेवा आयोग में लगभग 50 हजार नौजवानों को नौकरी मिलेगी. कर्मचारी चयन आयोग से लगभग 2900 नौजवानों को जॉब मिलेगा.
बिहार तकनीकी सेवा आयोग को करीब 12 हजार यानि कुल 63 हजार 900 पदों पर भर्ती के लिए सूचना भेजी जा चुकी है. विजय चौधरी ने कहा कि बिहार पुलिस में 75543 के विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए स्वीकृति दी गई है. बिहार के प्राथमिक विद्यालयों में 90 हजार 762 विज्ञापित पदों के विरुद्ध 42 हजार टीचरों की नियुक्ति की जा चुकी है. बचे हुए 48 हजार 762 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया जारी है. मध्य विद्यालयों में शारीरिक शिक्षा और स्वास्थ्य अनुदेशक के 8 हजार 386 पद के विरुद्ध लगभग ढाई हजार अनुदेशकों की नियुक्ति की गई है.
बचे हुए 5 हजार 886 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया अधीन है. राज्य के प्राथमिक स्कूलों में प्रधान शिक्षक हेतु 40 हजार 506 सृजित पदों के संबंध में अग्रसर कार्रवाई की जा रही है. राज्य के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में टीचरों के नियुक्ति के छठे चरण में कुल विज्ञापित 32 हजार 714 रिक्तियों में से 2 हजार 716 की नियुक्ति की जा चुकी है. वहीं UPSC व BPSC की तैयारी कर रही महिलाओं को सरकार ने आर्थिक सहयोग देने का एलान किया है.
वित्त मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि अल्पसंख्यक कल्याण योजना के तहत राज्य सरकार तलाकशुदा अल्पसंख्यक महिलाओं को वित्तीय सहायता राशि के तौर पर पहले 10 हजार रुपये देती थी, जिसे बढ़ाकर अब 25 हजार रुपये कर दिया गया है. यह राशि जीवन एक बार ही दी जाती है. वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी के अनुसार, बिहार सरकार 21 सदर अस्पतालों को मॉडल अस्पतालों में बदलने की योजना पर काम कर रही है. नौ जिलों में मेडिकल कॉलेज का भी एलान किया गया है. आईजीआईएमएस में 1200 बेड का निर्माण किया जा रहा है. PMCH को विश्वस्तरीय बनाना का काम हो रहा है, 5540 करोड़ की योजना की स्वीकृति दी गई है.