CHHAPRA DESK- सारण समाहरणालय सभागार में जिलाधिकारी राजेश मीणा की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग से संबंधित महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में फाइलेरिया उन्मूलन, रुबेला टीकाकरण एवं टीवी के मरीजों की पहचान कर उनका समुचित चिकित्सा करने का निर्देश दिया गया.
जिलाधिकारी महोदय ने कहा कि 10 फरवरी से प्रारंभ होने वाले फाइलेरिया उन्मूलन के लिए दवा सेवन कार्यक्रम की शुरुआत की जायेगी. जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए माइक्रोप्लान तैयार करें. इसके साथ हीं सभी विभागों से बेहतर समन्वय स्थापित कर अभियान को सफल बनाएं. आमजनों को जागरूक करने के लिए दिवाल लेखन तथा ऑडियो के माध्यम से प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित करें. उन्होने निर्देश दिया कि स्वास्थ्य विभाग, पंचायती राज, आईसीडीएस, शिक्षा विभाग, जीविका सभी आपसी समन्वय स्थापित कर इस अभियान को सफल बनाएं. निर्देश दिया गया कि फाइलेरिया चक्र में सभी स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर लोगों को अपने सामने दवा खिलाना सुनिश्चित करें. पूर्व के कार्यक्रम की उपलब्धियों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि अक्सर लोग आशा एवं अन्य कर्मीयों द्वारा दी गई फाइलेरिया की दवा को नहीं खाते हैं. इसलिए उन्हें अपने सामने दवा खिलाएं. हर व्यक्ति को इन दवाओं का सेवन करना है.
केवल गर्भवती महिलाओं, दो साल से कम उम्र के बच्चों एवं गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को यह दवा सेवन नहीं करनी है. दो साल से पांच साल तक के बच्चे भी फाइलेरिया दवाओं का सेवन कर सकते हैं. स्वास्थ्य कर्मी की निगरानी में ही दवा का सेवन करना है. दुष्प्रभाव की चर्चा करते हुए जिलाधिकारी के द्वारा बताया गया कि फाइलेरिया बीमारी बढ़ने के साथ-साथ शारीरिक अपंगता बढ़ती चली जाती है. दिव्यांगता बढ़ने के साथ ही उक्त व्यक्ति कामकाज में पूरी तरह से अक्षम हो जाता है. नौकरी पेशा या व्यवसाय से जुड़े व्यक्ति के अपंग होने की स्थिति में परिवार पर इसका बुरा असर पड़ता है.
जिलाधिकारी ने रुबेला से संबंधित समीक्षा में स्वास्थ्य विभाग को संक्रमण से बचाव हेतु विशेष अभियान चलाकर रुबेला का वैक्सीन देने का निर्देश दिया गया ताकि संक्रमण कम हो. उन्होंने कहा कि यह एक अत्यधिक संक्रामक रोग है जो वायरस के कारण होता है. वर्तमान मौसम में वायरल फीवर के मामले भी सामने आ रहे हैं. इसको लेकर अलर्ट रहने की जरूरत है. स्वास्थ्य संस्थानों में आवश्यक दवाओं व बेड की उपलब्धता सुनिश्चित करें. वायरल फीवर के मरीजों की सूचना तुरंत विभाग को दें.
जिलाधिकारी ने कहा जिला में टीबी उन्मूलन हेतु चलाया जा रहा अभियान भी सफल रहा है फिर भी हमें घर, मुहल्ला, गांव हर जगह आशा कार्यकर्ता के मदद से टीबी के रोगियों की पहचान कर उनकी जाँचोंपरांत समुचित मात्रा में उन्हें दवा दी जाय. उन्होंने कहा कि यह ध्यान रखा जाय कि टीबी के रोगियों की चिकित्सा में कोई कमी न होने पाएं. बैठक जिलाधिकारी के साथ सिविल सर्जन, सदस्य जिला स्तरीय पदाधिकारी, डीएमओ, एसीएमओ, डीआईओ, डीपीसी, सी डी पी ओ, केयर इंडिया के डीटीएल, डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि, एसएमसी, केयर डीपीओ, समेत सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी,स्वास्थ्य प्रबंधक शामिल थे.