CHHAPRA DESK – राजनीति का ऊंट कब किस करवट बैठेगा, यह कहना बड़ा ही मुश्किल होता है. लेकिन इसे नीतीश कुमार से बेहतर कोई नहीं समझ सकता. वर्ष 2013 में भाजपा से मोहभंग होने के बाद दूसरी बार 2017 में राजद से भी राजनीतिक संबंध विच्छेद करने के बाद एक बार फिर नीतीश कुमार का भाजपा से मोहभंग हो गया और उन्होंने नाटकीय ढंग से अपना इस्तीफा सौंप दिया.
बिहार में BJP और JDU का गठबंधन टूटने के बाद नीतीश कुमार बुधवार की दोपहड़ एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. उनके साथ उपमुख्यमंत्री भी शपथ लेंगे. इसके लिए तेजस्वी यादव का नाम चर्चा में है. हालांकि पहले शपथ शाम 4 बजे कराने की खबर आई थी. शपथ से पहले नीतीश कुमार ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से फोन पर बात की. इससे पहले नीतीश ने मंगलवार शाम को राज्यपाल फागू चौहान को 7 पार्टियों के 164 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंपी. उनके साथ तेजस्वी यादव भी राजभवन में मौजूद थे. सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद दोनों ने राजभवन में ही प्रेस कॉन्फ्रेंस की. तेजस्वी ने कहा- भाजपा का कोई गठबंधन सहयोगी नहीं है.
इतिहास बताता है कि भाजपा उन दलों को खत्म कर देती है जिनके साथ वह गठबंधन करती है. वैसे जितनी बार नीतीश कुमार ने गठबंधन तोड़ा है, वह मुख्यमंत्री बने हैं. लेकिन इस बार राजद के साथ उनका तालमेल कब तक रह पाएगा यह सोचने वाली बात है. क्योंकि तेजस्वी यादव भी उन्हें पलटू चाचा के नाम से ही पुकारते रहे हैं. वहीं इस मामले में बीजेपी के द्वारा फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.