राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक लोन चुकता करने पर लोनी को मिली कर्ज से राहत

राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक लोन चुकता करने पर लोनी को मिली कर्ज से राहत

CHHAPRA DESK – आपसी सुलह और समझौते के आधार पर मामलों के निष्पादन से समाज में एक अच्छा संदेश जाता है. राष्ट्रीय लोक अदालत का भी उद्देश्य यही है कि लोगों को सरल और सस्ता न्याय मिले. इसी उद्देश्य को ले शनिवार को छपरा कोर्ट परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया  गया. 16 बेंचों के माध्यम से राष्ट्रीय लोक अदालत में सबसे अधिक बैंक से संबंधित मामलों का ऑन द स्पॉट निदान किया गया. एसबीआई के काउंटर पर एक लोनी सुनील ने अपना लोन चुकता करने के बाद पत्नी संग काफी खुश नजर आ रहे थे  उन्होंने बताया कि ट्रैक्टर  खरीदने के लिए उन्होंने 10 साल पहले लोन लिया था.

पर किसी कारण से जमा नहीं कर पाया. राष्ट्रीय लोक अदालत में एसबीआई के बैंक पदाधिकारियों ने काफी सहयोग किया, जिसके कारण आज वह ऋण मुक्त हो गया. अब वह सम्मान के साथ जिंदगी व्यतीत करेगा. लोन जमा नहीं करने के कारण बार-बार बैंक से नोटिस आ रहा था. इस तरह की बात सिर्फ सुरेश ही नहीं बल्कि कई अन्य लोगों ने भी कही. राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल छह करोड़ 97 लाख 11 हजार 579 रुपया का समझौता तो दो करोड़ 77 लाख 96 हजार 22 रुपया का समझौता हुआ.

जिला जज से लेकर बैंक अधिकारी थे मुस्तैद

राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक मामलों को निष्पादन के लिए  न्यायिक पदाधिकारियों के अलावा विभिन्न बैंकों से जुड़े अधिकारी भी पूरे दिन उपस्थित रहे. जिला।जिला जज रामलाल शर्मा बीच-बीच में संबंधित न्यायिक पदाधिकारियों को दिशा निर्देश भी दे रहे थे. जिला जज ने कहा कि इस लोक अदालत में निपटाए गए मामलों में कहीं अपील भी नहीं होती है. ऐसे में लोगों को अधिक से अधिक संख्या में आकर लोक अदालत को सफल करने की जरूरत है. इस तरह के आयोजन से लोगों को काफी सहूलियत होती है. शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को एक ही छत के नीचे सभी तरह का न्याय मिल जाता है. इससे पहले दीप जलाकर राष्ट्रीय लोक अदालत का विधिवत उद्घाटन किया गया.

सबसे अधिक वसूली का रिकॉर्ड एसबीआई के नाम

राष्ट्रीय लोक अदालत में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने सबसे अधिक वसूली का रिकॉर्ड  फिर अपने नाम किया. राष्ट्रीय लोक अदालत में सुबह से कैंप कर रहे क्षेत्रीय व्यवसाय कार्यालय छपरा के क्षेत्रीय प्रबंधक संजीत कुमार ने बताया कि कुल 138 मामलों का निष्पादन राष्ट्रीय लोक अदालत में किया गया. एक करोड़ 27 लाख रुपया की वसूली हुई. आरबीओ के उप प्रबंधक  लोन कलीम अहमद ने बताया कि  लोन वसूली के लिये क्षेत्रीय प्रबंधक संजीत सर ने जो कार्य योजना बनाई थी उसका सकारात्मक परिणाम राष्ट्रीय लोक अदालत में देखने को मिला. इस मौके पर सीएम क्रेडिट शशि भूषण मैनेजर एनपीए मनोज कुमार सिन्हा मैनेजर टीएन तिवारी, देवाचंद, कृष्ण मुरारी, सुमित फील्ड अफसर संजीव कुमारव अन्य ने सक्रिय भूमिका निभाई.

काफी संख्या पहुंचे थे पक्षकार

इस साल के पहले राष्ट्रीय लोक अदालत में शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों से काफी संख्या में पक्षकार ठंड के मौसम के बावजूद पहुंचे थे. उनका कहना था कि राष्ट्रीय लोक अदालत का वे लोग लंबे समय से इंतजार करते रहे हैं. इस लोक अदालत में बिना किसी झंझट वह परेशानी के मामलों का आसानी से निपटारा हो जाता है. इसलिए ठंड की परवाह किए बिना वे लोग कोर्ट कैंपस पहुंचे हैं. राष्ट्रीय लोक अदालत में महिला फरियादियों की भी संख्या अधिक  थी.

विवाद को हल करने के लिए 16 बेंच बनाए गए थे

राष्ट्रीय लोक अदालत के लिये बनाये गए 16 बेंच में न्यायिक पदाधिकारियों  से ले अधिवक्ता शामिल  थे. बेंच संख्या एक में न्यायिक सदस्य के रूप में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तीन नलिन कुमार पांडेय  व अधिवक्ता तारकेश्वर मिश्रा, बेंच संख्या दो में अपर जिला व सत्र न्यायाधीश छह सुमन कुमार दिवाकर व अधिवक्ता सैयद सऊद अहमद, बेंच संख्या सात में एडीजे सात सुधीर सिन्हा  व अधिवक्ता  ओम प्रकाश सिंह, बेंच संख्या चार में एडीजे संजी कुमार राय  व अधिवक्ता  संजीव कुमार, बेंच संख्या पांच में  सीजेएम  राकेश कुमार व अधिवक्ता बलिराम सिंह, बेंच संख्या छह में सब जज 9 जिगर साह व अधिवक्ता दुर्गेश प्रकाश बिहारी, बेंच संख्या सात में  रेलवे मजिस्ट्रेट सोनपुर जीशन चांद व अधिवक्ता रोशन कुमार सिंह, बेंच संख्या आठ में  मुंसिफ फस्र्ट प्रमोद शरण व अधिवक्ता संतोष कुमार सिंह, बेंच संख्या नौ में मुंसिफ थर्ड महादेव  व अधिवक्ता  संगीता कुमारी, बेंच संख्या दस में मुंसिफ चतुर्थ  कुमार शिवम व अधिवक्ता प्रवीण चंद्रा, बेंच संख्या 11 में न्यायिक मजिस्ट्रेट फस्र्ट प्रिया बरनवाल व अधिवक्ता मुन्नी कुमारी, बेंच संख्या 12 में न्यायिक मजिस्ट्रेट फस्र्ट कृति व अधिवक्ता माया कुमारी, बेंच संख्या में 13 में न्यायिक मजिस्ट्रेट स्वाति प्रियदर्शनी वह अधिवक्ता नीलम वर्मा, बेंच संख्या 14 में न्यायिक मजिस्ट्रेट फस्र्ट कविता अग्रहरि व अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार सिंह नंबर वन, बेंच संख्या 15 में न्यायिक मजिस्ट्रेट फस्र्ट  शिखा पांडेय व अधिवक्ता गायत्री कुमारी, संख्या 16 में न्यायिक मजिस्ट्रेट फस्र्ट  प्रियांश्वी सिंह व अधिवक्ता अखिलेश कुमार सिंह को शामिल किया गया था.


पक्षकारों को भेजा गया था नोटिस

जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव जितेश कुमार ने बताया कि  विभिन्न वादों से सम्बन्धित पक्षकारों के पास विभिन्न माध्यमों से नोटिस हस्तगत कराया गया था. जो लोग अपने मामलों का निष्पादन राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से कराना चाहते थे, अपना आवेदन जिला विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यालय में समर्पित किये थें.

मालूम हो कि राष्ट्रीय लोक अदालत मैं अधिक से अधिक मामलों के निष्पादन के लिए पूर्व में जिला जज रामलाल शर्मा  की अध्यक्षता में कई बैठकें हो चुकी थी और संबंधित पदाधिकारियों से अधिक से अधिक लोगों को राष्ट्रीय लोक अदालत में शामिल कराने के लिए अनुरोध किया गया था. राष्ट्रीय लोक अदालत में आपसी सुलह समझौते के आधार पर मामलों का निष्पादन होता है. बिना किसी खर्च के लोगों के मामलों के निष्पादन ही राष्ट्रीय लोक अदालत का मूल उद्देश्य  है.

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