विकास अध्ययन एक सामान्य विषय नहीं बल्कि सादगीपूर्ण विषय : कुलपति प्रोफेसर कामेश्वर नाथ सिंह

Gaya Desk – विकास अध्ययन एक सामान्य विषय नहीं है, बल्कि यह सरल और सादगीपूर्ण पाठ्यक्रम है. आज के वैश्विक परिदृश्य जहां चारों तरफ विकास हो रहा है. विकास अध्ययन क्षेत्र से जुड़े पेशेवरों को हमारे देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले आमजनों के प्रति सहानुभूति की भावना रखते हुए उनकी ज़रूरतों को अग्रणी रखते हुए विशेष क़दम उठाने चाहिए. यह एक कटु सत्य है कि गंगा के मैदानी इलाक़े पुरे विश्व में सबसे ज़्यादा  उपजाऊ  हैं. लेकिन ये भी सच है कि यह विश्व में सबसे ज़्यादा उत्पादन नहीं हैं. ये अहम बातें दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के कुलपति प्रोफेसर कामेश्वर नाथ सिंह ने विवि के विकास अध्य्यन विभाग द्वारा एमए एवं पीएचडी पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने वाले नए विद्यार्थियों के लिए आयोजित इंडक्शन कार्यक्रम में कही. इस कार्यक्रम में विभाग के छात्रों एवं प्राध्यापकों के साथ – साथ अन्य सामाजिक विज्ञान विभागों के संकाय सदस्य उपस्थित थे. मुख्य अतिथि के रूप में कुलपति ने अपनी अनूठी शैली में विकास अध्ययन क्षेत्र से जुड़े कई पहलुओं को साझा किया गया है . अपने समाधान में उन्होंने यह भी तर्क दिया कि विकास को जुनून और दृढ़ता से अपनाया जाना चाहिए. आगे विभाग के अध्यक्ष प्रो कृष्णन चालिल ने विभाग द्वारा लिए गए प्रमुख पहलों के बारे में दर्शकों को अवगत कराया. जिसमें डीवीएस ब्लॉग, वर्किंग पेपर सीरीज़ और मासिक न्यूज़ लेटर शामिल हैं. उन्होंने कहा कि न्यूज़ लेटर के माध्यम से विभाग का बाहरी योजनाकारों और गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) से जुड़ाव पैदा होगा. इस कार्यक्रम का संचालन आदित्य मोहंती, सहायक प्राध्यापक, विकास अध्ययन विभाग द्वारा किया गया है. वक्ता एवं अतिथि के रूप में उपस्थित विवि के छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो आतिश पाराशर ने अपने सम्बोधन में विकास अनुसंधान की रिपोर्टिंग में मीडिया नैतिकता को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया दिया. वहीँ प्रॉक्टर, प्रो उमेश सिंह ने कम्युनिटी डेवलपमेंटल में पारिस्थितिक नैतिकता की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला गया है. अंत में आयोजन सचिव एवं सहायक प्राध्यापिका डॉ फिरदौस फातिमा रिजवी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ.

साभार –  धीरज गुप्ता

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