MOTIHARI DESK – शिक्षक भर्ती नियम में संशोधन का बिहार सरकार का दांव उल्टा पड़ गया है. अभ्यर्थियों का आक्रोश और भी बढ गया है. बिहार के शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में बाहरी राज्यों के अभ्यर्थियों को भी छूट देने के नियम को लेकर बिहार के शिक्षक अभ्यर्थी आक्रोश जता रहे हैं. इसी क्रम में शुक्रवार को बिहार में अपनी तीन सूत्री मांगों के समर्थन में शिक्षक अभ्यर्थी छात्रों ने मोतिहारी की सड़कों पर आक्रोश मार्च निकाला. सरकार की ओर से डोमिसाइल नीति को पूर्ण रूप से लागू करने व अन्य मांगों के समर्थन में शिक्षक अभ्यर्थियों ने बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ के बैनर तले यह मार्च निकाला.
मार्च में छात्रों ने नीतीश कुमार व शिक्षा मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बता दें कि बिहार सरकार की नई शिक्षा नियमावली के विरोध में आज मोतिहारी की सड़कों पर सैकड़ो युवा शिक्षक अभ्यर्थियों ने आक्रोश मार्च निकाला व बिहार सरकार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व शिक्षा मंत्री के खिलाफ जमकर आक्रोश व्यक्त किया. आज सैकड़ो की संख्या में शिक्षक अभ्यर्थियों ने एमएस कॉलेज के गेट से आक्रोश मार्च निकाला.
अभ्यर्थियों ने हांथो में तख्तियां लेकर बिहार राज्य प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ के बैनर तले आक्रोश मार्च निकाला. यहां से जमकर नारेबाजी करते हुए कचहरी चौक तक गए. यहां पहुंचकर अभ्यर्थियों ने लोगों को संबोधित किया छात्रों का साफ कहना है कि बिहार सरकार यहां के छात्रों के साथ जानबूझ कर ज्यादती करते हुए नए नए नियम ला रही है और यहां के छात्रों के साथ नाइंसाफी कर रही है. सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है.
छात्रों की मांग है कि बिहार सरकार डोमिसाइल नीति को पूर्णतः लागू करे. सरकार से तत्काल कक्षा 6 से 8 तक के शिक्षकों की बहाली की मांग और बीपीएससी में नेगेटिव मार्किंग खत्म करने की मांग की है बता दें कि इस नये बदलाव के बाद, अन्य पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाला देश का कोई भी नागरिक बिहार में सरकारी शिक्षक की नौकरी के लिए आवेदन कर सकता है क्योंकि आवेदक के राज्य का स्थायी निवासी होने की आवश्यकता समाप्त कर दी गई है. इस ताजा अपडेट से पहले शिक्षक नियुक्ति के लिए आवेदक को बिहार का निवासी होना अनिवार्य था.