CHHAPRA DESK – सारण जिले के तरैया थाना क्षेत्र के फेनहरा गांव में एक चमत्कारिक घटना सामने आ रही है. आज से 05 वर्ष पूर्व हरेन्द्र महतो के छः वर्षीय पुत्र को एक सर्प ने डस लिया था. जिससे उसकी मौत हो गई थी।तो परिजनों ने उसे केले के थम पर लिटाकर उसके गले में नाम पता पहना कर भलुआ नदी में प्रवाहित कर दिया था.
उक्त बच्चे की माता सुनीता देवी ने बताया की शव को प्रवाहित करने के दो माह बाद उसे सपना देखा की उसका बच्चा जीवित हो गया है. तब से बच्चे को खोज रही थी. आज बच्चा भटकते हुए गांव पहुंच गया है. परिजनो ने बताया की बच्चा इसुआपुर में भटक रहा था. जिसे सुनीता देवी के संबंधियों ने देख सूचित किया तो फिर फेनहरा से कुछ लोग गए और बच्चे को लेकर आए है. बच्चे की बर्तमान उम्र अभी 11 से 12 वर्ष का है।देखने से बच्चा मंदबुद्धि का प्रतीत हो रहा है.
बच्चा केवल अपना नाम मनन बता पा रहा है. इसके अलाव कुछ भी बोल नही पा रहा है. सुनीता देवी ने दवा किया है की यह उसी का बच्चा है. जिसे वह 05 वर्ष पूर्व नदी में प्रवाहित कर चुकी थी. महिला ने दावा किया है की उसके बच्चे के मुंह ने मासा था. इसके मुंह में भी मासा है. बच्चे के दाढ़ी के नीचे कटे का निशान था. वह निशान इस बच्चे में भी है. यह आस पास के क्षेत्र में फैलते ही देखने वालो की भीड़ गांव में उमड़ पड़ी है.
हालांकि अगर बच्चे की डी एन ए जांच किया जाय तो सही तथ्य सामने आ सकता है. हालांकि कुछ लोगो का कहना है कि बच्चा मंदबुद्धि का है. कहीं से भटककर यहां पहुंच गया होगा. जिसे महिला अंधविश्वास में प्रेम वश अपना बच्चा समझ रही है.