Chhapra Desk – सारण में सांस्कृतिक जीवंतता के प्रतीक थे प्रोफेसर उदय शंकर रुखैयार वे साहित्य से भी काफी जुड़ाव रखते थे। सांस्कृतिक गतिविधियों में भी वे हमेशा बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी निभाते थे. शहर के साधनपुरी में जयप्रकाश विश्वविद्यालय के पूर्व उप कुलपति प्रो उदय शंकर रुखैयार की जयंती में शामिल लोगों ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उक्त बातें कही. उनके तैलचित्र पर पुष्पांजलि करते हुए समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों ने उन्हें सारण की माटी का सच्चा सपूत बताते हुए कहा कि उनके बताए आदर्शों को आत्मसात करने की जरूरत है.
वहीं रेणु रुखैयार ने कहा कि शिक्षा के प्रचार प्रसार में भी प्रोफेसर रुखैयार आजीवन लगे रहे. गरीब तबके के विद्यार्थियों को आगे बढ़ाने में उनका अहम योगदान था. जेपीविवि के प्रति कुलपति के उनके कार्यकाल में विश्वविद्यालय ने कई कीर्तिमान बनाए थे. जगदम कॉलेज के अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ अमर नाथ प्रसाद ने कहा कि रुखैयार साहब को पुस्तकों से अगाध प्रेम था. वे हमेशा कहा करते थे कि पुस्तके घर के सबसे बेहतरीन उपस्कर हैं.
जयंती में शामिल लोगों ने कहा कि वे अंग्रेजी साहित्य के क्षेत्र में भी रुख़यार साहब ने कई उल्लेखनीय योगदान दिए थे. वहीं शाम में सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया गया. इस अवसर पर मीना रुखैयार, अभिषेक कुमार, संदीप चंद्रा, कविता चंद्रा, सुदीप्ति चंद्रा, संतोष कुमार सिंह, डॉ सुदीक कुमार सिंह, कृष्णा सिंह, अंजली कुमारी, मुन्नी देवी, इंदु देवी, सात्विक, शानन्वी सहित अन्य ने भी विचार रखे.