CHHAPRA DESK – राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेताओ द्वारा वर्ष 2001 में छपरा के थाना चौक जाम करने और सड़क पर धरना-प्रदर्शन को लेकर छपरा नगर थाना कांड संख्या 275 /2001के विचारण वाद संख्या 3/22 सरकार बनाम जनार्दन सिंह सिग्रीवाल सहित कुल 68 अभियुक्तो पर पुलिस ने नामजद प्राथमिकी दर्ज की थीं, जिसमें न्यायालय ने 29 लोगों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. शेष अभियुक्तों का रिकॉर्ड अलग कर दिया. साथ ही जलालपुर थाना कांड संख्या 55 /2001 के विचारण वाद संख्या 2/22 जिसमें केवल महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल एवम श्रीराम उपाध्याय ही अभियुक्त थे, उस मामले में भी न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में दोनो लोगो को बरी कर दिया. विदित हो कि जलालपुर थाना के कन्हैया सिंह तूफानी ने जलालपुर चौक पर निर्माणाधीन स्वर्गीय महेंद्र स्मारक के पेडेस्टोल तोड़ने का आरोप जनार्दन सिंह सिग्रीवाल तथा श्रीराम उपाध्याय पर लगाया था. दोनो मामलो की सुनवाई विशेष न्यायिक दंडाधिकारी एमपी एमएलए न्यायालय सह एसीजेएम प्रथम सह सब जज प्रथम रणधीर कुमार के न्यायालय में हुई सुनवाई के दौरान महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, तरैया के विधायक जनक सिंह, गड़खा के पूर्व विधायक ज्ञानचंद्र मांझी झरीमन राय महामंत्री रंजीत सिंह समेत भाजपा नेता उपेन्द्र सिंह तथा एन डी ए के दर्जनों पूर्व एवम वर्तमान पदाधिकारी उपस्थित थे. अभियोजन की ओर से अभियोजन पदाधिकारी अजीत कुमार सिन्हा ने न्यायालय में सरकार का पक्ष रखा तथा बचाव पक्षों की ओर से वरीय अधिवक्ता सुभाष चंद श्रीवास्तव, गंगोत्री प्रसाद, नीरज नयन, पवनकुमार श्रीवास्तव, प्रकाश रंजन श्रीवास्तव सहित दर्जनों अधिवक्ता उपस्थित थे.