सारण में पहली बार सफल ऑपरेशन कर निकाला गया कैंसर ग्रसित किडनी ; परिजनों ने कहा भगवान हैं डॉ प्रत्युष

सारण में पहली बार सफल ऑपरेशन कर निकाला गया कैंसर ग्रसित किडनी ; परिजनों ने कहा भगवान हैं डॉ प्रत्युष

CHHAPRA DESK – सारण प्रमंडल में जहां कल तक किडनी का कोई डॉक्टर नहीं हुआ करता था, जिसके कारण यहा किडनी के मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करते हुए बाहर जाकर महंगे खर्च पर ऑपरेशन करवाना पड़ता था. लेकिन, अब कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ प्रत्युष रंजन के छपरा में आने के बाद सारण के लिए एक बहुत ही अच्छी खबर मानी जा रही है.

बता दे कि डॉक्टर प्रत्युष रंजन शहर के प्रसिद्ध दहियावां स्थित लाइफ केयर नर्सिंग होम के चिकित्सक दंपति डॉ बीके श्रीवास्तव एवं डॉ अमिता श्रीवास्तव के पुत्र हैं. उन्होंने कैंसर स्पेशलाइजेशन में एमसीएच की डिग्री प्राप्त करने के बाद अपने गृह जिले छपरा को सेवा के लिए चयन किया और आज वह छपरा में कैंसर पीड़ितों के बीच भगवान की तरह जाने जा रहे हैं.

उनके आने के बाद छपरा, सिवान एवं गोपालगंज जिले के कैंसर मरीजों को बाहर जाकर महंगे खर्च पर उपचार कराने से निजात मिल गया है. बीते दिन उनके द्वारा छपरा जिले के दाउदपुर निवासी एक मरीज का सफल ऑपरेशन कर उसे जीने की नहीं रहा दी है. बता दें कि उक्त मरीज के किडनी में 10 एमएम का ट्यूमर था जो कि लास्ट स्टेज में आ चुका था. जिसको लेकर उसका ऑपरेशन कराना निहायत जरूरी था. उसके द्वारा बाहर के चिकित्सकों से दिखाये जाने के बाद शीघ्र ऑपरेशन किए जाने की बात कही गई.

लेकिन, उसका खर्च ₹2 से ₹3 लाख बतलाया गया. वहीं गरीब होने और आयुष्मान कार्ड नहीं होने के कारण यह ऑपरेशन उसके लिए काफी मुश्किल था. ऊपर से ऑपरेशन कराना निहायत जरूरी था, नहीं तो उसकी जान जाने की स्थिति आ गई थी. ऐसी स्थिति में लोगों की सूचना के बाद वह लाइफ केयर हॉस्पिटल पहुंचा, जहां चिकित्सक डॉक्टर प्रत्युष रंजन के द्वारा जांच उपरांत उसका सफल ऑपरेशन किया गया और वह भी बहुत ही न्यूनतम खर्च पर. ऑपरेशन के बाद वह व्यक्ति पूरी तरह स्वस्थ है और उसके परिवार वाले काफी खुश हैं कि उसे एक नया जीवनदान मिला.

ऑपरेशन के उपरांत कैंसर स्पेशलिस्ट चिकित्सक डॉक्टर प्रत्युष रंजन ने बताया कि ऑपरेशन काफी जटिल था लेकिन उनके पास सभी अत्याधुनिक उपकरण एवं प्रशिक्षित स्टाफ उपलब्ध है. उनके द्वारा सफल ऑपरेशन कर उस व्यक्ति के पेट के कैंसर ग्रसित किडनी को निकाल दिया गया है. ऑपरेशन में विलंब होने के कारण उस व्यक्ति की जान जा सकती थी और उसके पास बाहर ऑपरेशन करने का सामर्थ्य भी नहीं था.

ऐसी स्थिति में उनके द्वारा न्यूनतम खर्च पर ही यह ऑपरेशन किया गया है. क्योंकि, उनका मकसद अपने जिले वासियों को न्यूनतम खर्च पर ही बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना है. ऑपरेशन के बाद कैंसर पीड़ित व्यक्ति के परिजनों के द्वारा भी कहा गया कि वाकई डॉक्टर प्रत्युष रंजन कैंसर पीड़ितों के लिए भगवान हैं.

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