सारण में मजदूरों के पेट पर चल रही जेसीबी मशीन ; रोजगार के लिए परेशान हैं मजदूर

सारण में मजदूरों के पेट पर चल रही जेसीबी मशीन ; रोजगार के लिए परेशान हैं मजदूर

CHHAPRA DESK – सारण जिले के विभिन्न प्रखंडों में मनरेगा मजदूरों के पेट पर जेसीबी मशीन चलाई जा रही है. इसे कहने में कहीं कोई अतिशयोक्ति नहीं है. मशरक प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों के गांवों मे तो संपर्क मार्ग निर्माण की बात हो या अमृत सरोवर के खुदाई की. उक्त सभी काम मजदूरों की बजाए जेसीबी से धड़ल्ले से कराई जा रही है. रात के अंधेरे में चल रही जेसीबी मशीन गरीबों के हक की मजदूरी छीन रही है. गरीब ग्रामीणों को रोजगार और रोटी देने के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही मनरेगा योजना जिम्मेदारों के मनमानी की भेंट चढ़ गई है. यहां देर रात संपर्क मार्ग निर्माण में जेसीबी मशीन से खोद कर मिट्टी डाली जा रही. जबकि नियमानुसार यह काम गांव के मनरेगा जॉब कार्ड धारकों के माध्यम से होना चाहिए था. एक तरफ सरकार ने ग्राम पंचायतों में ग्रामीणों को रोजगार के लिए महानगरों की ओर पलायन ना करें उसके लिए ग्रामीणों को रोजगार गारंटी योजना के तहत रोजगार मुहैया करवाया जा रहा है. किंतु इस योजना में भी ग्राम पंचायतों के जिम्मेदार इस आपदा को अवसर बनाकर अपनी तिजोरी तो भर ही रहे हैं. वही बेरोजगार ग्रामीणों के हक पर डाका डालते हुए उनसे रोजगार भी छीन रहे हैं. जिसके चलते मजदूरों को रोजगार से वंचित रहना पड़ रहा है. वही मनरेगा अधिकारी अपना स्वार्थ साधते हुए शासन के नियमों का उल्लंघन भी कर रहे हैं. हालांकि रात के अंधेरे में या दिन के उजाले में दबंगई से काम कराए जाने को लेकर ग्रामीणों में खासा आक्रोश है. जनप्रतिनिधि रात के अंधेरों में ही प्रशासनिक अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकने को आमादा है और अपने कारनामों को अंजाम दे रहे है. अब देखना यह है कि मशरक प्रखंड के पंचायतों में मनरेगा मजदूरों के हकमारी पर सबधित अधिकारी कब संज्ञान लेते हैं.

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