सिकटा में टीबी रोग से बचाव के लिए किया जा रहा जागरूक

Sikta desk – यदि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक समय से खांसी आ रहा हो या खांसी के साथ बलगम या खून आना, रात को अक्सर बुखार आना, सीने में दर्द बना होना, भूख न लगना तथा वजन का घटना जैसे लक्षण दिखाई दे तो तुरंत ही नज़दीक के सरकारी अस्पताल में जाकर अपनी जांच कराएं. क्योंकि यह टीबी बीमारी के लक्षण है. यह बातें कर्नाटका हेल्थ प्रोमोशन ट्रस्ट (केएचपीटी)की जिला परियोजना लीड मेनका सिंह ने कही. वे सिकटा प्रखंड के सुगहां भवानीपुर गांव मे टीबी जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत ग्रामीणों को संबोधित कर रही थी. इस दौरान मेनका ने कहा कि टीबी एक भयानक जानलेवा बीमारी है. यह बीमारी विशेष रूप से हवा के माध्यम से बोलने, छीकनें, खांसने और थूकने की स्तिथि में दूसरे को संक्रमित कर देने की संभावना ज्यादा होती है. इसलिए इस स्तिथि में टीबी के मरीज को हमेशा अपने मुंह को रुमाल या गमछा से ढंक लेना चाहिए. जागरूकता से ही टीबी बीमारी को खत्म किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि टीबी बीमारी की जांच और ईलाज सभी सरकारी अस्पतालों में पूरी तरह निशुल्क है. कार्यक्रम में उपस्थित जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी सुमित कुमार ने कहा की टीबी बीमारी के मरीज को कम से कम छः माह तक नियमित रूप से दवा का सेवन करना चाहिए. सरकार के द्वारा टीबी रोग के मरीज को पोषण योजना के तहत 500 रुपया पूरे ईलाज अवधि तक पोषण युक्त भोजन के लिए दिया जाता है. आपको बता दे कि बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग और कर्नाटका हेल्थ प्रोमोशन ट्रस्ट के द्वारा पश्चिमी चंपारण जिले में 2025 तक टीबी उन्मूलन के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है. मौके पर केएचपीटी के सामुदायिक समन्यवक नीरज कुमार पांडेय, ग्रामीण कुसुम देवी, लालमती देवी, लालझरी देवी, कोशिला देवी सहित दर्जनों ग्रामीण उपस्थित रहें.

साभार : अमर गुप्ता

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