सीएम नीतीश के समाधान यात्रा में कहीं लगे मुर्दाबाद के नारे तो कहीं उखाड़ फेंके गए बैनर होर्डिंग ; देखने को मिला आक्रोश

सीएम नीतीश के समाधान यात्रा में कहीं लगे मुर्दाबाद के नारे तो कहीं उखाड़ फेंके गए बैनर होर्डिंग ; देखने को मिला आक्रोश

CHHAPRA DESK-

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का समाधान यात्रा के दौरान छपरा आना उनके उल्टी गिनती का संकेत दे गया. समाधान यात्रा के क्रम में वह पहले दरियापुर पहुंचे लेकिन उससे पहले वहां के आक्रोशित ग्रामीणों ने प्रशासन के द्वारा लगाए गए होर्डिंग व बैनर उखाड़ फेंके. ग्रामीण काफी आक्रोशित दिखे. वहां पहुंचे पदाधिकारी और पुलिस की भी एक नहीं चली. लोग नीतीश कुमार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए विभिन्न योजनाओं के लगाए गए होर्डिंग को उखाड़कर बीच सड़क पर फेंक दिया.

उनका कहना था कि जब गांव में नल जल योजना हो या किसी अन्य योजना के तहत अब तक कोई कार्य नहीं हुआ तो फिर गांव में होर्डिंग और बैनर लगाने का क्या फायदा. हालांकि आनन-फानन में प्रशासन द्वारा होल्डिंग को जैसे तैसे खड़ा किया गया. वही रास्ते में भी नीतीश कुमार के गुजर रहे काफिले के खिलाफ ग्रामीणों ने मुर्दाबाद के नारे लगाए. जिसके बाद वह छपरा शहर स्थित निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज से होकर छपरा परिसदन पहुंचे और उसके बाद प्रेक्षागृह में जीविका दीदियों को संबोधित करने के बाद बिना विलंब किए निकल गई.

इस दौरान करीब 2 घंटे से उनके इंतजार में खड़े लोगों के सब्र का बांध टूट पड़ा और सभी आवेदन हाथ में लेकर नारेबाजी करने लगे. आक्रोशित लोगों का आरोप था कि वह अन्य समस्याओं को लेकर सीएम के समाधान यात्रा में अपनी समस्याओं का समाधान कराने के लिए 2 घंटे से खड़े हैं लेकिन ना तो प्रशासन के द्वारा उन्हें सीएम से मिलने दिया गया और ना ही सीएम ने भी उनमें कोई रुचि दिखाई. जिसके बाद नीतीश कुमार मुर्दाबाद के नारे लगते रहे और नीतीश कुमार का काफिला निकल गया. ऐसे में लोगों का कहना था कि यह समाधान यात्रा नहीं सिर्फ छलावा है काम कुछ नहीं हुआ है.

घंटे भर सड़क जाम कर यातायात किया गया अवरुद्ध

छपरा शहर में सीएम के आगमन को लेकर दिनभर सड़क जाम की स्थिति बनी रही. बता दे कि जहां श्री नंदन पथ मे डबल डेकर निर्माण कार्य चल रहा है, वही डाकबंगला रोड को सीएम के आगमन की सूचना होते के साथ में दोनों तरफ से पूरी तरह बंद कर दिया गया. जिसके कारण यातायात घंटे भर तक बाधित रहा. वहीं लोगों को दैनिक कार्यों के लिए शहर में आने जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. इस दौरान सिर्फ एंबुलेंस को ही आने-जाने की इजाजत दी गई.

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