GAYA DESK – मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज गया के फल्गु नदी पर निर्मित गयाजी धाम का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन किया. वहीं सीताकुंड जाने हेतु पुल का लोकार्पण किया. मुख्यमंत्री सबसे पहले देवघाट गए और घाट पर पूजा अर्चना की. मुख्यमंत्री ने देवघाट पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित संबोधित करते हुए कहा कि फल्गु नदी पर निर्मित गयाजी डैम के उद्घाटन में उपस्थित सभी लोगों का स्वागत करता हूं. गया में देश में कई हिस्सों में विदेशों से लाखों की संख्या में तीर्थयात्री पिंडदान के लिए आते हैं. गया का अपना विशेष स्थान है. गया मोक्ष की भूमि है. यहां पर प्रत्येक वर्ष पितृपक्ष मेला का आयोजन होता है. उन्होंने कहा कि जब हमने मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला था. उसके बाद ट्रेन से दिल्ली जाने के क्रम में एक महिला ने मुझे कहा था कि पितृपक्ष मेला में व्यवस्था ठीक नहीं रहती और वर्ष 2008 से पितृपक्ष मेला में सभी प्रकार की तैयारियों की जाती रही है. सारी सुविधाओं का ख्याल रखा जाता है. पितृपक्ष मेले के दौरान 15 दिन में 6 से 8 लाख लोग यहां आते हैं. पितृपक्ष मेले से पहले वह यहां पर हर वर्ष आते हैं और तैयारियों का जायजा लेते हैं. जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार का दिक्कत ना हो.मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जब बाहर से आने वाले लोगों को यहां सुविधा मिलेगी तो वह यहां की प्रशंसा बाहर में भी करेंगे. पिछले 2 साल से कोरोना का दौर चल रहा था. जिसके कारण पितृपक्ष मेले का आयोजन नहीं हो पा रहा था. फल्गु नदी में पानी खत्म हो जाने के कारण तीर्थ यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. इसके लिए देश के सबसे बड़े रिवर डैम का निर्माण यहां कराया गया है. इसका नामकरण गया जी धाम किया गया है. आप फल्गु में कभी भी पानी खत्म नहीं होगा. फल्गु नदी में पूरे वर्ष पानी उपलब्ध रखने की व्यवस्था की गई है. फल्गु नदी में केवल रबर डैम नहीं बल्कि श्रद्धालुओं को सीताकुंड जाने के लिए फुट ओवर ब्रिज का निर्माण कराया गया है. फल्गु नदी में गिरने गिरने वाले नालों को भी रोक दिया गया है और उसके लिए नाले का निर्माण दूसरी तरफ से किया गया है.
324 करोड रुपए की लागत से बना है रबड़ डैम
रबड़ डैम का निर्माण में 324 करोड रुपए के लागत आई है. आईआईटी रुड़की के तकनीकी विशेषज्ञों की भी सेवा ली गई है. उन्होंने आगे कहा कि गया पौराणिक जगह है. इस पूरे इलाके को गया जी कहते हैं, इसीलिए श्रवण डैम का गया जी धाम रखा गया है. 15 दिन में विभाग के द्वारा फूल से सीता कुंड कुंडा का पहुंच पद का भी निर्माण कराया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगाजल पहुंचाने की योजना काफी समय से मेरे मन में थी. वर्ष 2018 2019 में जल जीवन हरियाली अभियान की शुरुआत की गई. जल है हरियाली है तभी जीवन सुरक्षित है. गया, बोधगया, राजगीर और नवादा में गंगा जल शुद्ध पेयजल के रूप में हर घर तक पहुंचाने का निर्णय लिया गया है. राजगीर में गंगा जल शुद्ध पेयजल के रूप में पहुंचा दिया गया है. गंगाजल को दूर दूर से लोग अपने घर लेकर आते हैं, अब आपके घर में ही गंगाजल उपलब्ध रहेगा. गया में पूर्वजों के निदान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसके लिए सरकार पूरी तरह प्रयास प्रयासरत है. आगे कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का स्वागत जल संसाधन विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर किया. इस कार्यक्रम के दौरान योजना से संबंधित अभियंता संजय कुमार तिवारी, कार्यपालक अभियंता अजय कुमार सिंह, कार्यपालक अभियंता जितेंद्र कुमार, एसएससी लिमिटेड के संवेदक एवं इंजीनियर इंजीनियर को सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया. इससे इस कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी. वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा, जल संसाधन विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने संबोधित किया.