Chhapra Desk – छपरा-पटना मुख्य मार्ग एनएच- 19 पर अब भारी वाहनो के परिचालन पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा. अगर जिला प्रशासन इस आदेश का उल्लंघन करता है तो एनजीटी का हंटर जिला प्रशासन पर भी चलेगा. क्योंकि एनजीटी ने छपरा-पटना मुख्य मार्ग पर भारी वाहनों के परिचालन पर पूरी तरह रोक लगाने का आदेश दिया है. वहीं सड़क किनारे डम्प किए गए लाल बालू को भी शीघ्र हटाकर वहां बाल डम्प करने पर रोक लगाने का आदेश दिया गया है. एनजीटी ने चल रहे याचिका में सुनवाई करने के बाद आदेश दिया है कि एनएच-19 पर भारी वाहनों का परिचालन किसी हालत में नहीं होनी चाहिए.
वहीं एनएच के किनारे बालू डंप नहीं होना चाहिए. साथ ही एनजीटी ने एनएचएआई के प्राेजेक्ट डायरेक्टर को आदेशित किया है कि एनएच-19 के संपूर्ण हिस्से यानि नैनी से लेकर हाजीपुर तक नियमित रुप से पानी का छिड़काव करना है. धूल कण किसी सूरत में नहीं उड़ना चाहिए. वहीं एनजीटीकोर्ट ने डीएम व प्रदूषण बोर्ड को स्पष्ट तौर पर कहा है कि उक्त नियम को लागू कराना उनकी जिम्मेवारी है, जिसका हर हाल में पालन होना चाहिए. वहीं इसकी मॉनिटरिंग के लिए सप्ताह में दो दिन खुद से निरीक्षण कर अनुपालन करायेंगे.
याचिकाकर्ता की सुनवाई पर डीएम व एनएचएआई ने क्या कहा?
याचिका कर्ता डॉ बीएनपी सिंह ने कोर्ट को यह बताया कि गर्मी के दिनाें में जमीन सूखा रहता है. जिस कारण धूल काफी उड़ता है. इस पर एनजीटी ने आदेश दिया कि संपूर्ण एनएच-19 पर एनएचएआई यह सुनिश्चित करेगा कि पानी का छिड़काव होगा. जिलाधिकारी और बिहार राज्य प्रदूषण बोर्ड को आदेशित किया गया कि इसकी मॉनिटरिंग करेंगे. सप्ताह में दो दिन जिलाधिकारी व बोर्ड के अधिकारी निरीक्षण करेंगे कि पानी का छिड़काव हो रहा है या नहीं? साथ ही धूल की हालात को देखेंगे.
आदेश में यह भी है कि अगर इन आदेशों का उल्लघंन हो रहा है तो वातावरण को दूषित करने के एवज में जुर्माना लगाया जायेगा. वहीं प्रतिवादी जिलाधिकारी ने कोर्ट को बताया कि शेरपुर से झौवां के बीच भारी वाहनों का परिचालन नहीं होगा. जमीन की अधिग्रहण की समस्या को दूर कर ली गई है. वहीं एनएचएआई ने माना है कि अब निर्माण में कोई समस्या नहीं है. निर्माण सतत होगा. जबकि संयुक्त जांच में यह पाया गया कि बालू अभी भी एचएच किनारे है. जो जिलाधिकारी व प्रदूषण बोर्ड ने स्वीकार किया है.