3.91 लाख फर्जी जॉब कार्ड पर रात के अंधेरे में जेसीबी से हो रहा मनरेगा का खेल

Chhapra Desk मनरेगा योजना घाेटाला का जरिया बन गया है। जिले के अधिकांश प्रखंडों में मनरेगा योजना का काम जेसीबी से कराया जा रहा है और कागज पर मजदूरों का नामांकन दिखाकर पैसे का उठाव किया जा रहा है. ऐसा ही मामला परसा प्रखंड में सामने आया है. मनरेगा योजना का काम रात में जेसीबी से कराया जा रहा था. जांच में अल सुबह जूनियर इंजीनियर पहुंचे तो जल्दीबाजी में जेसीबी का निशान मिटाया जा रहा था. वरीय अधिकारियों को इसकी जांच रिपोर्ट सुपुर्द कर दी गई है. वार्ड सदस्य की बात को माने तो वहां पर दर्जनों बुजुर्ग मजदूर है. जो मजदूरी कर रहे है लेकिन वर्षों से उनका नाम मनरेगा योजना के लिए जॉब कार्ड नहीं बनाया गया. यह भ्रष्ट्राचार का जरिया बन गया है.

क्या कहते हैं पदाधिकारी

बीडीओ डॉ दीपक कुमार सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा को जांच का आदेश दिया गया है. जांच प्रतिवेदन आने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
डॉ दीपक कुमार सिंह,बीडीओ, परसा

जेसीबी मशीन का उपयोग कर अगर मनरेगा योजना में कार्य की जा रही है तो मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी.
मो जावेद इमाम,मनरेगा पीओ, परसा


सरकारी सिस्टम की सच्चाई : 5.16 लाख मनरेगा मजदूर,1.25 लाख ही करते है रेगुलर काम,ब
3.91 लाख हैं फर्जी


जिले में मनरेगा के तहत मजदूरों को बनाये गए जॉब कार्ड को लेकर आश्चर्यचकित कर देने वाला मामला प्रकाश में आया है. जिले में मनरेगा के तहत करीब 5 लाख 16 हजार जॉब कार्डधारी मजदूर है. जिनमें महज एक लाख 25 हजार मजदूर ही रेगुलर यानि नियमित काम करते है. बाकि लोगों ने जॉब कार्ड तो बना लिया लेकिन आज तक कार्य हीं नहीं किया और न हीं किसी पदाधिकारी से काम की मांग किया है. ऐसे में इन जॉब कार्ड की वास्तविकता की गहन जांच की गई तो बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आ सकता है. विभाग आकड़ों की माने तो जिले में करीब 3 लाख 91 हजार लोगों ने जॉब कार्ड तो बना लिया, लेकिन आज तक एक भी दिन काम नहीं किया है.

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