CHHAPRA DESK – आज हमारे पुरुष प्रधान समाज में एक तरफ जहां बेटियों को बोझ समझा जाता है. वहीं कई बार लोग सिर्फ बेटों की चाह में गर्भ में पल रहे भ्रूण की जांच कराकर बेटी होने की जानकारी मिलने पर उसे इस दुनिया में आने से पहले ही भ्रूण हत्या करवा देते हैं. लेकिन सारण जिले के एकमा नगर पंचायत के ब्लॉक रोड निवासी एक परिवार में लगभग 45 साल बाद बेटी के जन्म लेने पर समाज के समक्ष अपनी पहल से विशेष मिशाल पेश की है. इस परिवार ने समाज बेटियों को बोझ समझने वालों के लिए संदेश दिया है कि बेटियां किसी मायने में बेटो से कम नहीं हैं.
बताया गया है कि नगर पंचायत एकमा बाजार के ब्लॉक रोड निवासी शिवजी प्रसाद के तृतीय पुत्र किराना दुकान व्यवसायी धीरज कुमार गुप्ता की धर्मपत्नी पूजा देवी ने ताजपुर रोड स्थित एक निजी नर्सिंग होम में ऑपरेशन के द्वारा एक पुत्री को सावन के पहले दिन जन्म दिया. शिवजी प्रसाद के चार पुत्रों क्रमशः व्यवसायी संदीप कुमार, शिक्षक बबलू कुमार गुप्ता , व्यवसायी धीरज गुप्ता और फाइनेंस मैनेजर नागेंद्र कुमार वाले संयुक्त परिवार में लगभग 45 साल बाद एक बेटी का जन्म हुआ. इसके बाद परिवार में खुशी का ठिकाना नहीं रहा. बताया गया कि परिवार के मुखिया शिवजी प्रसाद को चार पुत्रों के अलावा कोई भी पुत्री नहीं हुई थी. जब निजी अस्पताल के सर्जन डॉ एस बी मालवीय ने सकुशल डिस्चार्ज किया, तो परिवार वालों ने बैंड-बाजे की धुन पर फूलों से सजाकर डोली पर बिठाकर परिवार के नये मेहमान नवजात बिटिया को लक्ष्मी का स्वरूप मानकर अपने घर लेकर आए. इस परिवार द्वारा बेटी के जन्म लेने पर उसका इस तरीके से स्वागत व अभिनंदन करते हुए घर लाना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है.
सावनी रखा गया नवजात का नाम
नवजात की बिटिया के पिता धीरज गुप्ता के बड़े भाई शिक्षक बबलू कुमार गुप्ता ने बताया कि हमारे सभी चार भाईयो में किसी को पुत्री नहीं हुई थी. परिवार में इस लक्ष्मी स्वरुपा बेटी का जन्म सावन के प्रथम दिन अस्पताल में हुआ है. इसलिए हमलोगों ने इसका नाम सावनी रखा है. पुत्री के लिए हर कोई तरस रहा था। परिवार में करीब 45 वर्षों के बाद बेटी ने जन्म लिया है. वहीं धीरज के पिता शिवजी प्रसाद ने कहा कि बेटियां साक्षात लक्ष्मी का स्वरूप होती हैं.
छठीयार की रस्म हुई धूमधाम से पूरी
शुक्रवार को परिवार में धूमधाम के साथ नवजात पुत्री की छठीयार की राशि पूरी की गई. जिस दौरान परिजनों और मित्रों के बीच प्रीतिभोज का आयोजन किया गया.
बेटियों को बचाने, पढ़ाने और आगे बढ़ाने की अपील
नवजात बेटी को डोली में बिठाकर अस्पताल से घर तक गाजे बाजे के साथ खुशी मनाते हुई हर्षोल्लास के साथ अपने घर तक लाते देख हर कोई इस दृश्य को निहारते रह गया. वहीं
परिजनों की ओर से हुई इस पहल को निजी अस्पताल डॉ एसबी मालवीय, पूर्व नगर पार्षद शैलेंद्र सिंह, रंजीत सिंह, कमलेश तिवारी, विधायक श्रीकांत यादव, जेपी सेनानी डॉ रामजी तिवारी, शिक्षक कमल कुमार सिंह, समाजसेवी डॉ सत्यदेव प्रसाद यादव, प्रो अजीत कुमार सिंह आदि ने सराहनीय बताते हुए समाज के लोगों से इससे सीख लेते हुए बेटियों को बचाने, पढ़ाने और आगे बढ़ाने का संकल्प लेने की अपील की है.