CHHAPRA DESK – किसी पुरुष के पेट में यूट्रस होना चमत्कार जैसा है, जो कि संभव नहीं है. लेकिन इस चमत्कार को सिटी स्कैन रिपोर्ट ने सजीव कर दिया है. छपरा सदर अस्पताल में भर्ती एक वृद्ध मरीज के पेट में यूट्रस होने की खबर जिले में आग की तरह फैल गई सोशल मीडिया पर किसी ने वृद्ध के पेट में बच्चा बता दिया तो किसी ने टीआरपी के लिए इसे अलग ही कहानी बना दिया. लेकिन स्थिति “खोदा पहाड़ निकली चुहिया” वाली कहावत की रही. वास्तव में सिटी स्कैन के चिकित्सकों ने बताया कि यह रिपोर्ट तैयार करने वाले टाईपिस्ट की गलती है.
जिसने रिपोर्ट बनाने में उसे प्रोस्टेट से चेंज नहीं किया. वास्तव में कंप्यूटर में रिपोर्ट का फॉर्मेट रहता है जिसको पुरुष और महिला के अनुरूप बदलकर रिपोर्ट तैयार की जाती है. बता दें कि छपरा जिले के दाउदपुर थाना क्षेत्र के बनवार ढाला निवासी 60 वर्षीय वृद्ध भदई मियां की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें छपरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक के द्वारा उनके पेट का सिटी स्कैन कराए जाने की सलाह दी गई और परिजनों ने छपरा सदर अस्पताल कैंपस स्थित कल्पना सीटी स्कैन सेंटर पर उनके पेट का सिटी स्कैन कराया गया.
सिटी स्कैन में जो रिपोर्ट आया वह सभी को चौंकाने वाला था. क्योंकि, रिपोर्ट के अनुसार उस वृद्ध के पेट में यूट्रस होने की बात लिखी गई थी. हालांकि इस गलती को भांपते हुए सिटी स्कैन के चिकित्सक द्वारा तुरंत ही उसे सुधार कर नया रिपोर्ट जारी कर दिया गया. बता दें कि छपरा सदर अस्पताल स्थित सिटी स्कैन का रिपोर्ट राजस्थान उसके हेड क्वार्टर से प्राप्त होता है. जहां से रिपोर्ट भेजे के जाने के दौरान टाईपिस्ट के द्वारा उसे सुधारा नहीं गया था और छोटी सी गलती ने “तिल का ताड़” बना दिया. हलचल न्यूज़ के पास उस रिपोर्ट के पहले और सुधरने के बाद की दोनों ही रिपोर्ट की कॉपी उपलब्ध है. जिसे साक्ष्य के तौर पर सुरक्षित रखा गया है.
क्या कहते हैं चिकित्सक
इस मामले में ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक डॉक्टर संतोष कुमार ने बताया कि रिपोर्ट कॉपी पेस्ट कर कर तैयार किया जाता है. जिसमें मानवीय भूल हुई है. हालांकि उसे सुधारवा दिया गया है.