CHHAPRA DESK – स्वास्थ्य और चिकित्सा में फार्मासिस्ट की अहम भूमिका है. जिसको लेकर विश्व फार्मेसी डे के अवसर पर छपरा सदर अस्पताल स्थित पारामेडिकल कॉलेज में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ छपरा सदर अस्पताल के प्रभारी सिविल सर्जन डॉक्टर चंदेश्वर प्रसाद सिंह, डॉक्टर शालिग्राम विश्वकर्मा, डॉक्टर मकेश्वर चौधरी, डॉ सुरेंद्र महतो, डॉक्टर रंजितेश कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया. इस मौके पर डॉ श्री विश्वकर्मा ने कहा कि स्वास्थ्य और चिकित्सा में हेल्थ सेक्टर से जुड़े सभी स्वास्थ्य कर्मियों का रोल होता है.
लेकिन उन सभी में सबसे अहम भूमिका फार्मासिस्ट की होती है. जो किसी न किसी रूप में हमारे स्वास्थ्य के लिए कार्य करते हैं. जो हमारे स्वास्थ्य का ख्याल रखते हैं. विदित हो कि आज स्वास्थ्य विभाग के साथ फार्मासिस्ट के हवाले ही खुदरा मेडिकल शॉप है. ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य सेक्टर में फार्मासिस्टों की एक अहम भूमिका मानी जाती है. जिस पर आप अपने स्वास्थ्य को लेकर पूरा यकीन करते हैं. कई बार ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है कि आप डॉक्टर को नहीं दिखा पाते हैं लेकिन अपने पास के फार्मेसी से एक बेसिक ट्रीटमेंट की दवाई जरूर ले आते हैं. उस एक समय के लिए तो आपको आराम मिल जाता है.
स्वास्थ्य को लेकर हम जल्दी किसी पर भरोसा नहीं करते हैं लेकिन रजिस्टर्ड फार्मेसी जो पूरी तरह इस विषय को पढ़ कर समझ कर कार्य करते हैं. उनपर हम पूरी तरह से भरोसा भी कर लेते हैं. इनके इसी योग्दान की सरहाना करने के लिए विश्व फार्मासिस्ट दिवस मनाया जाता है. विश्व 25 सितंबर को फार्मसिस्ट दिवस के तौर पर मनाता है. मौके पर छपरा सदर अस्पताल से फार्मासिस्ट नंदलाल भगत, कन्हैया राय, शशि रंजन, दिनेश प्रजापति, डीआई अजय सिंह सहित स्वास्थ्य विभाग के सभी फार्मासिस्ट, सदर अस्पताल के चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे.
क्यों मनाते हैं फार्मेसी दिवस
विश्व फार्मसिस्ट दिवस की शुरुआत 2009 में की गई थी. 2009 में इस्तांबुल, तुर्की में वर्ल्ड कांग्रेस ऑफ फार्मेसी एंड फार्मास्युटिकल साइंस में एफआईपी द्वारा बनया गया था. 25 सितंबर की तिथि का चुनाव इसलिए किया गया क्योंकि इसी दिन 1912 में एफआईपी कि स्थापना की गई थी. इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया के हर कोने में स्वास्थ्य को और बेहतर बनाने में फार्मासिस्टक की भूमिका को प्रोत्साहिस करना है.
एक फार्मेसिस्ट लोगों की स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर अपने सभी कर्तव्यों का पालन करता है जिसमें, दवा की सही पहचान, उसकी रीस्टॉकिंग, दवाओं की समाप्ति तिथि और उनकी उपलब्धता आदि शामिल होते हैं. ताकि किसी भी प्रकार से किसी व्यक्ति के स्वास्थय पर उसका कोई गलत प्रभाव न पड़े. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ही एफआईपी ने सभी फार्मासिस्ट को सम्मानित करने के लिए इस दिन को मानाने का समर्थन किया.